भारतीय प्रबंधन संस्‍थानों (IIMs) और सरकार के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो रही है। शीर्ष IIMs ने मानव संसाधन विकास (HRD) मंत्रालय द्वारा हाल में घोषित पीएचडी योग्‍यता मानदंडों का विरोध किया है। इस संबंध में सरकार के समक्ष अपना पक्ष तैयार करने को सभी IIMs के निदेशक 13 दिसंबर को बैठक करेंगे। द इकॉनमिक टाइम्‍स की रिपोर्ट के अनुसार, IIM अहमदाबाद ने HRD मंत्रालय को पत्र लिखकर पीएचडी गाइडलाइंस पर कड़ी आपत्तियां दर्ज कराई हैं। शीर्ष प्रबंधन संस्‍थानों का मानना है कि सरकार ने IIMs में पीएचडी कार्यक्रमों के लिए जो योग्‍यता मानदंड तय किए हैं, वह ‘प्रतिबंध’ लगाने जैसे हैं और फेलो प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (FPM) की प्रकृति के खिलाफ हैं। अखबार ने मामले से जुड़े लोगों के हवाले से कहा है कि इन मानदंडों को तय करने में सरकार ने IIMs को दी गई स्वायत्तता के वादे के अनुरूप काम नहीं किया है।

सरकार की ओर से 23 अक्‍टूबर को प्रबंधन संस्‍थानों के निदेशकों को पीएचडी कार्यक्रमों में प्रवेश की न्‍यूनतम मानदंडों के बारे में विस्‍तार से लिखित में जानकारी दी थी। योग्‍यता मानदंडों में तीन पहलुओं पर IIMs ने चिंता जताई है। इनमें डायरेक्‍ट एंट्री (चार वर्षीय डिग्री या बीटेक) वाले उम्‍मीदवारों के लिए 8 सीजीपीए, एक साल की बजाय दो वर्ष के पोस्‍टगैजुएट डिप्‍लोमा और CA, CS या ICWA जैसी पेशेवर योग्‍यताओं के बावजूद स्‍नातक डिग्री की आवश्‍यकता शामिल हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, IIMs इस बात से सहमत नहीं है कि एक पीएचडी कार्यक्रम को कम से कम तीन साल चलना चाहिए, उन्‍होंने इसे दो साल रखने का प्रस्‍ताव दिया था। अधिकतर पुराने IIMs अभी संस्‍थागत प्रक्रियाओं के जरिए डॉक्‍टोरल FPM देते हैं। लेकिन IIM Act, 2017 के प्रभावी होने के बाद, IIMs इसकी जगह पीएचडी डिग्रियां दे सकते हैं।

सरकार ने जो गाइडलाइंस जारी की हैं, वह विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के मानकों और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थानों (IITs) द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं को ध्‍यान में रखकर तैयार की हैं। मंत्रालय ने कहा है कि राष्‍ट्रीय महत्‍व के सभी संस्‍थानों में एकरूपता होनी चाहिए। हालांकि कई नए योग्‍यता मानदंड IIM के FPM देने की प्रक्रिया से काफी अलग हैं।

IIM अ‍हमदाबाद ने मंत्रालय को लिखी चिट्ठी में कहा है कि सरकार ने पीएचडी की चाह रखने वाले डायरेक्‍ट एंट्री उम्‍मीदवारों के लिए 8 सीजीपीए होने की अनिवार्यता रखी है, वहीं FPM पर उसका आंतरिक डेटा यह दिखाता है कि संस्‍थान ने 6 सीजीपीए वाले छात्रों को भी प्रवेश दिया है। IIM ने कहा है कि उसके आधे से ज्‍यादा FPM पासआउट्स इंजीनियरिंग डिग्रीधारक थे और 60 फीसदी से ज्‍यादा उम्‍मीदवारों का सीजीपीए 8 से कम था। इनमें से कई अभी IIM अहमदाबाद में पढ़ा रहे हैं।