पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) के बोर्ड ने नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में शामिल होने के लिए उम्र सीमा को 65 साल से बढ़ाकर 70 साल करने की मंजूरी दे दी है। इस फैसले के बाद 75 वर्ष की आयु तक एनपीएस में योगदान के साथ कर बचत की जा सकेगी। पीएफआरडीए के अध्यक्ष सुप्रतिम बंदोपाध्याय के अनुसार वार्षिक निवेश राशि लचीली है, जिसमें सबसे कम निवेश राशि 8,000 रुपए प्रति वर्ष है। पहले एनपीएस खाता खोलने की आयु सीमा 18 से 60 वर्ष थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 65 वर्ष कर दिया गया था।
भारत में पेंशन योजनाएं खंडित हैं और विभिन्न पेंशन योजनाओं के तहत आने वाले कुल 12.64 करोड़ लाभार्थियों के साथ योगदान 30 लाख करोड़ रुपए से कम है। विभिन्न पेंशन फंडों में कुल जमा राशि भारत की जीडीपी का केवल 14 फीसदी है। अन्य सभी देश जिनके पास पेंशन योजनाएं हैं, रूस को छोड़कर भारत से काफी आगे हैं। , नीदरलैंड के पेंशन फंड जीडीपी का 191 फीसदी सबसे अधिक है। बंदोपाध्याय के अनुसार रूसी पेंशन फंड अपने सकल घरेलू उत्पाद का केवल 6 फीसदी है।
एनपीएस मुख्य रूप से चार असेट क्लास में निवेश करता है जिसमें इक्विटी भी शामिल हैं, जिससे सबसे ज्यादा 12.45 फीसदी रिटर्न मिला हैं। जबकि कॉरपोरेट बॉन्ड 10.07 फीसदी, केंद्र सरकार के बॉन्ड 10 फीसदी और राज्य सरकार के बॉन्ड 9.89 फीसदी रिटर्न मिला है। सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश से 9.64 फीसदी का रिटर्न दिखाई दिया है। बंदोपाध्याय के अनुसार ये सभी 11 साल की अवधि के लिए हैं।
आपको बता दें कि इस योजना की शुरुआत 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू की गई थी। जिसके बाद इसे 2009 में सभी के लिए ओपन कर दिया गया। जिसके बाद इसके सब्सक्राइबर्स की संख्या में इजाफा होता चला गया। इस योजना में प्रत्येक महीने 5 हजार रुपए का निवेश कर रिटायरमेंट के बाद हर माह करीब 20 हजार रुपए की पेंशन का इंतजाम काफी आसानी कर सकते हैं। इसमें आप ऑनलाइन ऑफलाइन दोनों मरीकों से अपना अकाउंट ओपन कर सकते हैं।