पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्‍हा राव के कार्यकाल पर विनय सीतापति ने ‘हाफ लॉयन: हाऊ नरसिम्‍हा राव ट्रांसफॉर्म्‍ड इंडिया’ नाम से किताब लिखी है। इसमें 1991 के आर्थिक सुधारों और 1992 में बाबरी मस्जिद विध्‍वंस पर विस्‍तार पर लिखा गया है। किताब में लिखा है कि बाबरी विध्‍वंस नरसिम्‍हा राव ने प्‍लान नहीं किया था। इस घटना के बाद वे काफी चिंतित हो गए थे और उनकी बीपी व हर्टरेट बढ़ गई थी। राव हार्ट पेशेंट थे

सोनिया गांधी पर नजर रखने के लिए IB अफसर का इस्तेमाल करते थे नरसिम्‍हा राव, बाबरी विध्वंस के बाद भेजे थे जासूस

किताब के अनुसार, ”6 दिसंबर 1992 को राव सुबह सात बजे उठे। उन्‍होंने अखबार पढ़े। टाइम्‍स ऑफ इंडिया ने रिपोर्ट दी कि 2.25 लाख से ज्‍यादा विश्‍व हिंदू परिषद् के कार्यकर्ता बाबरी मस्जिद के करीब पूजा करने के लिए इकट्ठा हुए थे। इसके बाद नरसिम्‍हा राव ने ट्रेडमिल पर 30 मिनट तक वॉक किया। उनके पर्सनल फिजीशियन के श्रीनाथ रेड्डी उनसे मिलने आए और ब्‍लड व यूरिन के सैंपल लिए। बाद में वे घर चले गए और दोपहर के करीब उन्‍होंने टीवी चलाया। चैनल्‍स पर चल रहा था कि साढ़े 12 बजे के करीब हिंदू कार्यकर्ताओं ने पहले गुबंद पर हमला बोला। दोपहर 1.55 बजे तक पहला गुबंद ढह चुका था। रेड्डी सुन्‍न हो गए।”

नरसिम्‍हा राव ने 1991 में IB से मांगी थी आर्थिक सुधारों का विरोध करने वाले कांग्रेसियों की लिस्‍ट

आगे लिखा है, ”रेड्डी तुरंत वहां से नरसिम्‍हा राव के आवास की ओर भागे। नरसिम्‍हा राव की 1990 में बायपास सर्जरी हुई थी। इसके कारण राव राजनीति से लगभग रिटायर होने ही वाले थे। रेड्डी जब पहुंचे तो देखा कि राव अधिकारियों और राजनेताओं से घिरे हुए थे। वे सब लोग टीवी देख रहे थे। मस्जिद का तीसरा गुबंद गिर चुका था। राव ने गुस्‍से से रेड्डी से कहा, ‘अब क्‍यों आए हो तुम?’ रेड्डी ने कहा, ‘जैसा की मुझे अंदेशा था उनके दिल की धड़कनें तेज दौड़ रही थी। बीपी बढ़ चुका था। उनका चेहरा लाल हो चुका था। वे परेशान थे।’ डॉक्‍टर रेड्डी ने उन्‍हें बीटा ब्‍लॉकर की एक्‍स्‍ट्रा डोज थी और जब राव शांत हुए तभी वहां से गए। उन्‍होंने बताया, ”मैं पूरी तरह से सहमत हूं कि विध्‍वंस पर उनकी प्रतिक्रिया ईमानदार थी। वो प्रतिक्रिया विध्‍वंस का प्‍लान बनाने या गलत काम करने वाले व्‍यक्ति की नहीं थी।”