संसद का विशेष सत्र आज यानी कि सोमवार से शुरू होने जा रहा है। नए संसद भवन में भी मंगलवार से सांसदों की एंट्री हो जाएगी। पांच दिनों तक चलने वाले इस विशेष सत्र को लेकर तमाम तरह की अटकलों का दौर रहा था। कभी एक देश एक चुनाव पर बिल की बात हुई तो कभी यूसीसी को लेकर माहौल गर्म दिखा, लेकिन अभी के लिए ये साफ हो चुका है कि राज्यसभा में सरकार पोस्ट ऑफिस बिल 2023 और मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से जुड़े बिल लाने वाली है।
क्या है इस बार का एजेंडा?
वहीं लोकसभा में एडवोकेट्स अमेंडमेंट बिल 2023 और प्रेस एवं रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियॉडिकल्स बिल 2023 पेश होने वाले हैं। इसके अलावा सर्वदलीय बैठक में सरकार ने जानकारी दी है कि उसकी तरफ से आठ अन्य विधेयकों को विचार और पारित के लिए सूचीबद्ध किया गया है। यहां ये समझना जरूरी है कि जब भी संसद का विशेष सत्र बुलाया जाता है, उसके एजेंडे को लेकर सरकार द्वारा एक बुलेटिन जारी किया जाता है। लेकिन ये जरूरी नहीं कि सरकार अपने बताए एजेंडे पर ही आगे बढ़े, उसके पास ये अधिकार रहता है कि वो ऐन वक्त पर भी अपने एजेंडे में कोई बदलाव कर ले।
कोई बड़ा सरप्राइज मिलने वाला है?
इसी वजह से इस बार के विशेष सत्र में भी कई लोग सरकार से बड़े सरप्राइज की उम्मीद लगाए बैठे हैं। ये नहीं भूलना चाहिए कि जब धारा 370 को हटाने वाला बिल सदन में पेश किया गया था, वो तब किसी भी एजेंडे का हिस्सा नहीं था, बल्कि सदन में कार्यवाही के दौरान ही उसकी जानकारी मिली थी। ऐसे में जिन अटकलों पर सबसे ज्यादा चर्चा चल रही थी- फिर चाहे वो एक देश एक चुनाव हो, इंडिया का नाम भारत करने पर मंथन हो या फिर यूसीसी पर किसी बड़ी पहल की तैयारी हो, किसी भी बात से इनकार नहीं किया जा सकता है।
वैसे सर्वदलीय बैठक के दौरान कांग्रेस और कुछ विपक्षी पार्टियों द्वारा एक बड़ा सियासी दांव चल दिया गया है। इन सभी पार्टियों की तरफ से सरकार पर महिला आरक्षण बिल लाने का दबाव डाला गया है। बड़ी बात ये है कि लंबे समय से सरकार भी इस पर मंथन कर रही है, लेकिन अगर विपक्ष के दबाव में आकर कोई बिल लाया गया, तो उस स्थिति में क्रेडिट लेने की होड़ एक बार फिर मच जाएगी।
नए संसद भवन में कब होगी शिफ्टिंग?
अब इस बार के विशेष सत्र के पूरे शेड्यूल की बात करें तो कल तो पुरानी वाली संसद में ही चर्चा शुरू की जाएगी। 75 सालों की तमाम यादें, भारत की अब तक की यात्रा जैसे मुद्दों पर सभी अपने विचार रखेंगे। इसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू हो जाएगी। वहीं अगले दिन यानी कि मंगलवार से सभी सांसद नई संसद भवन के लिए कूच करेंगे। वहां पर उनका सुबह साढ़े 9 बजे एक फोटो सेशन भी रखा गया है। बताया जा रहा है कि जो पुरानी संसद वाली केटरिंग सर्विस है, उसे भी 19 सितंबर को नए भवन में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
पुरानी संसद से अलग कैसे नई संसद?
वैसे नए संसद भवन को लेकर शुरुआत से ही विवाद रहा है, कई दल इसके पक्ष में भी नहीं थे। लेकिन सरकार के नजरिए से देखें तो इस नए संसद भवन में एक नहीं कई खास बाते हैं। जगह के लिहाज से तो बड़ा परिवर्तन आने वाला है। जो नया संसद भवन है, वहां पर अब लोकसभा में 888 सदस्यों की क्षमता रहने वाली है, पहले ये सिर्फ 552 थी। इसी तरह राज्यसभा में ये आंकड़ा नए संसद में 384 हो जाएगा जो पहले सिर्फ 250 था। संयुक्त बैठक के दौरान तो एक बार में अब 1272 सदस्य बैठ पाएंगे। आकर्षण का केंद्र इस बार लोकसभा और राज्यसभा का डिजाइन भी है। असल में नई लोकसभा को राष्ट्रीय पक्षी मयूर को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, वहीं राज्यसभा को कमल फूल से प्रेरित बताया गया है।