संसद का बजट सत्र मंगलवार (31 जनवरी) को शुरू हो गया है। बजट सत्र के दौरान संसद के बाहर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार द्वारा बताए गए कामों पर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि सरकार ने लोगों को नौकरियां देने के लिए कुछ नहीं किया है। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों के लिए नौकरियों के नए विकल्प बनाने में नाकाम रही है।
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बजट सत्र के दौरान सांसद ई अहमद को दिल का दौरा पड़ा गया। इस वजह से उन्हें हॉस्पिटल लेकर जाना पड़ा। ई अहमद मुस्लिम लीग के सांसद हैं। इससे पहले बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के भाषण के साथ हुई थी। उन्होंने अपने भाषण में मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनवाई थीं।
सबसे पहले राष्ट्रपति ने दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और कहा कि सरकार का लक्ष्य सबका साथ, सबका विकास है। राष्ट्रपति ने बताया कि सरकार ने 26 करोड़ लोगों का जन धन खाता खुलवाया। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने महिला उद्यमियों को आगे बढ़ाने का काम किया। प्रणब ने आगे कहा कि सरकार ने गरीबों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं जिसमें गांवों में बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए नए बैंक लाइसेंस दिए गए, ग्राम ज्योति योजना से गांवों का अंधेरा दूर किया, लोगों को घर दिए और जीने का एक सपना दिया।
प्रणब ने यह भी बताया कि सरकार ने मातृत्व अवकाश 12 हफ्ते से 26 हफ्ते किया। उन्होंने बताया कि अबतक 1.2 करोड़ लोगों ने सब्सिडी छोड़ी है।
सत्र के शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से बात की। मोदी ने कहा कि सत्र का सर्वाधिक उपयोग जनहित के लिए होना चाहिए। मोदी ने कहा कि सत्र में चर्चा होनी चाहिए। मोदी ने आगे बताया कि एक फरवरी को बजट आएगा। मोदी ने आगे कहा, 'पहले बजट शाम पांच बजे प्रस्तुत किया जाता था। उसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उसका वक्त बदला गया। इस बार हम दो नई परंपरा की शुरुआत कर रहे हैं। पहली यह कि बजट एक महीने पहले आ रहा है। दूसरा रेल बजट भी जोड़ दिया गया है।' मोदी ने आगे कहा कि सत्र में इसके लाभ पर चर्चा होगी।
यह सत्र राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के भाषण के साथ शुरू होगा। इसके बाद एक फरवरी को बजट पेश किया जाएगा। इससे पहले 30 जनवरी को भी सभी पार्टियों की बैठक हुई थी। बैठक में केंद्र सरकार की तरफ से मांग रखी गई थी कि सत्र को शांतिपूर्वक तरीके से हो जाने दिया जाए। हालांकि, ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने इस सत्र से दूर रहने का फैसला किया है। उनका कहना है कि बजट पेश होने के दौरान उनकी पार्टी का कोई सांसद संसद में उपस्थित नहीं होगा। टीएमसी का यह विरोध नोटबंदी के फैसले को लेकर है। उन्होंने इससे संबंधित एक पत्र भी जारी किया था।
संसद का यह सत्र भी हंगामेदार होने के आसार हैं। विपक्ष बजट को चुनाव के बाद लाने की मांग कर सकता है। विपक्षी दल चुनाव से पहले बजट लाने का विरोध कर रहे थे। इसके लिए विपक्ष की 16 पार्टियां चुनाव आयोग भी गई थीं। उन्होंने बजट की तारीख को आगे खिसकाने की मांग की थी।

