पैराडाइज पेपर्स में नाम आने पर बिहार से बीजेपी के राज्य सभा सांसद रविन्द्र किशोर सिन्हा ने लिखकर प्रतिक्रिया दी है कि उनका मौन व्रत है। समाचार एजेंसी एएनआई के संवाददाता ने जब उनसे इस पर प्रतिक्रिया जाननी चाही तो सिन्हा ने इशारों में ही संवाददाता से कलम मांगी और कागज पर लिखा, “7 दिन के भागवत यज्ञ में मौनव्रत है।” बता दें कि पनामा पेपर की तर्ज पर लीक हुए पैराडाइज पेपर में बिहार से बीजेपी के राज्यसभा सांसद रविन्द्र किशोर सिन्हा का भी नाम है।
सिन्हा साल 2014 में बिहार से राज्यसभा सांसद चुने गए हैं। वो संसद के ऊपरी सदन में सबसे अमीर सांसदों में एक हैं। सिन्हा एक पूर्व पत्रकार हैं, जिन्होंने सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विसेज (एसआईएस) नाम से प्राइवेट सिक्योरिटी सर्विस फर्म की स्थापना की है। सिन्हा एसआईएस ग्रुप को हेड करते हैं। इनके फर्म के संबंध दो विदेशी कंपनियों से भी हैं। माल्टा के रजिस्ट्री डिपार्टमेंट के दस्तावेजों के मुताबिक एसआईएस एशिया पैसिफिक होल्डिंग्स लिमिटेड (एसएपीएचएल) साल 2008 में माल्टा में रजिस्टर्ड हुई है। यह एसआईएस की सहयोगी कंपनी है। रविन्द्र किशोर सिन्हा इस कंपनी के छोटे से शेयरहोल्डर हैं जबकि उनकी पत्नी रीता किशोर सिन्हा इस कंपनी (एसएपीएचएल) की डायरेक्टर हैं।
दस्तावेज बताते हैं कि ब्रिटिश वर्जिन आइजलैंड के एक पते पर रजिस्टर्ड दूसरी कंपनी एसआईएस इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (एसआईएचएल) के पास एसएपीएचएल के 39 लाख 99 हजार, 999 शेयर हैं जबकि एक शेयर रविन्द्र किशोर सिन्हा के नाम पर है। 13 अक्टूबर 2008 को जारी माल्टा रजिस्ट्री के एक दस्तावेज के मुताबिक एसएपीएचएल के 1499 साधारण शेयर, जिसकी कीमत प्रति शेयर एक यूरो है, पीसीएल इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड, माल्टा से एसआईएस इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड, ब्रिटिश वर्जिन आइजलैंड को ट्रांसफर किए गए हैं। इसके अलावा एक साधारण शेयर डेविट मैरिनेली ने रविन्द्र किशोर सिन्हा को ट्रांसफर किए हैं।
गौरतलब है कि पैराडाइज पेपर में मोदी सरकार के मंत्री, बीजेपी और गैर बीजेपी दलों के सांसदों, बॉलीवुड हस्तियों समेत कुल 714 भारतीयों के नाम शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा, बिहार से बीजेपी के सांसद आर के सिन्हा, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद वीरप्पा मोईली, पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम, बॉलीवुड स्टार और सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, संजय दत्त की पत्नी मान्यता दत्त के भी नाम इस दस्तावेज में हैं। इस डेटा में कुल 180 देशों के नाम हैं। इनमें से भारत का स्थान 19वां है। यहां के कुल 714 लोगों का नाम इस डेटा लिस्ट में है।
क्या है पैराडाइज पेपर्स?- जर्मन अखबार Süddeutsche Zeitung को बरमूडा की कंपनी ऐपलबी, सिंगापुर की कंपनी एसियासिटी ट्रस्ट और कर चोरों के स्वर्ग समझे जाने वाले 19 देशों में कराई गई कार्पोरेट रजिस्ट्रियों से जुड़े करीब एक करोड़ 34 लाख दस्तावेज मिले। जर्मन अखबार ने ये दस्तावेज इंटरनेशनल कॉन्सार्शियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट (आईसीआईजे) के साथ साझा किया। इंडियन एक्सप्रेस आईसीआईजे का सदस्य है और उसने भारत से जुड़े हुए सभी दस्तावेजों की पड़ताल की है।
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#WATCH: BJP MP Ravindra Kishore Sinha's reaction on being asked about a news report of his security firm being linked to 2 offshore entities pic.twitter.com/AryNIJdq8h
— ANI (@ANI) November 6, 2017

