पनामा की लॉ फर्म मोसेक फोंसेका की 1 करोड़ 10 लाख से ज्यादा बेहद खुफिया डॉक्यूमेंट्स लीक हो गए हैं। इनसे पता चलता है कि किस तरह दुनिया भर के ताकतवर और प्रभावशाली हस्तियां टैक्स हेवेन का इस्तेमाल करके अपनी बेशुमार दौलत छिपाते हैं। जिन नेताओं के नाम इस खुलासे में सामने आए हैं, उनमें रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन, इजिप्ट के पूर्व प्रेसिडेंट होस्नी मुबारक, सीरिया के प्रेसिडेंट बशर अल असद, लीबिया के पूर्व लीडर गद्दाफी, पूर्व पाक पीएम बेनजीर भुट्टो और वर्तमान पीएम नवाज शरीफ आदि शामिल हैं। ये दस्तावेज 70 से ज्यादा वर्तमान या पूर्व राष्ट्राध्यक्षों और तानाशाहों से जुड़े हैं। इन दस्तावेजों से यह भी पता चलता है कि किस तरह से मोसेक फोंसेका ने अपने क्लायंट्स को मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चुराने में मदद की। कंपनी का दावा है कि वह बीते चालीस साल से कानून के शिकंजे से दूर रही है और उस पर किसी भी आपराधिक गड़बड़ी का आरोप नहीं है। ये दस्तावेज जर्मन न्यूजपेपर जिदोश्त शाइतुंग ने एक्सेस किए और बाद में इंटरनेशनल कॉन्सोरटियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) से साझा किए। इन दस्तावेजों के एनालिसिस में इंडियन एक्सप्रेस समेत दुनिया के कई मीडिया संगठन शामिल हुए।
दस्तावेजों के एनालिसिस से पता चलता है कि पाक पीएम नवाज शरीफ के बेटे हुसैन और हसन नवाज शरीफ और बेटी मरियम सफदर ने टैक्स हेवेन माने जाने वाले ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड में कम से कम चार कंपनियां डालीं। इन कंपनियों ने लंदन में कम से कम छह बड़ी प्रॉपर्टीज खरीदी। द इंडियन एक्सप्रेस और अन्य की जांच में यह खुलासा हुआ कि शरीफ परिवार ने इन प्रॉपर्टीज को गिरवी रखकर डॉएचे बैंक से सात मिलियन ग्रेट बिटेन पाउंड यानी करीब 70 करोड़ रुपए में का लोन हासिल किया। इसके अलावा, अन्य दो अपार्टमेंट को खरीदने में बैंक ऑफ स्कॉटलैंड ने वित्तीय मदद की। बता दें कि पाकिस्तानी मीडिया ने शरीफ और उनकी संतानों का लंदन की प्रॉपर्टीज से कनेक्शन होने की बात पूर्व में भी कही है, लेकिन नवाज शरीफ इस बात से इनकार करते रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस की ओर से भेजे गए ईमेल का जवाब हुसैन, हसन या मरियम ने नहीं दिया।
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