पनामा की लॉ फर्म मोसेक फोंसेका के लीक हुए दस्तावेज की जांच करने के बाद द इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने चार अप्रैल को खबर दी कि एक्टर अमिताभ बच्चन 1993 से 1997 के बीच टैक्स हैवेन समझे जाने वाले देशों में चार कंपनियों के डायरेक्टर थे। रिपोर्ट के सामने आने के बाद बच्चन ने शुरुआत में द इंडियन एक्सप्रेस के ईमेल्स और फोन कॉल्स का जवाब नहीं दिया। बाद में बयान जारी करके कहा कि वे इनमें से किसी कंपनी के बारे में नहीं जानते। उन्होंने यह भी कहा कि वे किसी भी कंपनी के डायरेक्टर नहीं रहे और मुमकिन है कि उनके नाम का गलत इस्तेमाल किया गया हो। अब द इंडियन एक्सप्रेस को जो नए रिकॉर्ड्स मिले हैं, वे बच्चन के दावे के बिलकुल उलट हैं।
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रिकॉर्ड्स से पता चलता है कि बच्चन बतौर डायरेक्टर इन कंपनियों में से दो की बोर्ड मीटिंग्स में ‘कॉन्फ्रेंस टेलिफोन’ के जरिए शामिल हुए थे। बहामास की ट्रंप शिपिंग लिमिटेड और ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड की सी बल्क शिपिंग कंपनी लिमिटेड की ये मीटिंग 12 दिसंबर 1994 को रखी गई थी। इन बैठकों के लिए वेन्यू का पता था, “38/39, The Esplanade, St Helier, Jersey, Channel Islands, JE4 8SD” दोनों कंपनियों की ओर से जारी सर्टिफिकेट ऑफ इनकम्बेंसी में भी बच्चन का नाम डायरेक्टर और कंपनी के पदाधिकारी के तौर पर दर्ज है। ये रिकॉर्ड्स जेद्दा की एक इन्वेस्टमेंट कंपनी से लिए 1.75 मिलियन डॉलर के लोन से जुड़े हैं। इसका जिक्र मोसेक फोंसेका के दस्तावेज में भी है, जिसकी जांच द इंडियन एक्सप्रेस ने की थी।
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इंडियन एक्सप्रेस ने ई-मेल भेजकर अमिताभ बच्चन से नए खुलासे के बारे में पूछा, साथ ही यह भी जानना चाहा कि उन्होंने अपने नाम के दुरुपयोग का जो आरोप लगाया है, उस मामले में वह आगे क्या कदम उठा रहे हैं। जवाब में अमिताभ बच्चन ने कहा, ‘पनामा खुलासों पर मैं यह कहना चाहूंगा कि मीडिया की ओर से मेरे पास लगातार सवाल भेजे जा रहे हैं। मेरा उनसे विनम्र आग्रह है कि वे ये सवाल भारत सरकार के पास भेजें। मैंने कानून का पालन करने वाले नागरिक के नाते उनके पास पहले ही अपना पक्ष रख दिया है और आगे भी जवाब देता रहूंगा। मैं अपने पूर्व में दिए गए उस बयान पर कायम हूं कि मेरे नाम का दुरुपयोग किया गया। मीडिया रिपोर्ट में अब तक ऐसा कुछ भी नहीं आया है, जिससे मेरे द्वारा कोई गैरकानूनी कार्य किए जाने का जिक्र हो।’

बता दें कि द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मोसेक फोंसेका के दस्तावेज से पता चलता है कि बच्चन 1993 में टैक्स हैवेन समझे जाने वाले देशों में बनी चार कंपनियों के डायरेक्टर या मैनेजिंग डायरेक्टर नियुक्त किए गए थे। ये कंपनियां थीं-सी बल्क शिपिंग कंपनी लिमिटेड, लेडी शिपिंग लिमिटेड, ट्रेजर शिपिंग लिमिटेड और ट्रंप शिपिंग लिमिटेड।
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