भारत, अफगानिस्तान, पाकिस्तान समेत दक्षिण एशिया के कई देशों में सोमवार को शक्तिशाली भूकंप आया, जिसमें अभी तक कुल 117 लोगों की मौत की खबर है, इनमें सबसे ज्यादा 105 पाकिस्तान में, जबकि 12 अफगानिस्तान में मारे गए हैं। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान की हिंदुकुश पहाड़ियों में जरम शहर के पास था, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.7 आंकी गई है।
”मैं रावलपिंडी मार्केट स्थित अपने अपार्टमेंट के थर्ड फ्लोर पर था। अचानक बिल्डिंग हिलने लगी और मुझे लगा की अब बचना मुश्किल है। खुदा का शुक्र है कि मैं जिंदा हूं, लेकिन मेरे पैर अभी तक कांप रहे हैं। -फैजल फारुख, 28, रावलपिंडी”
”मैं उस वक्त मेडिकल कॉलेज में थी और क्लास अटेंड कर रही थी। अचानक मुझे लगा कि कुर्सी हिल रही है। हम सभी क्लास से बाहर आ गए। फिर मैं वापस क्लास नहीं गई।” -रिदा मारिया, 22, रावलपिंडी
”मैं अपने ऑफिस में चाय पी रहा था, तभी ऐसा लगा कि मेरे पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। पहले मुझे समझ नहीं आया, लेकिन फिर मैं देखा कि खिड़कियां हिल रही हैं और मैं ऑफिस की बिल्डिंग से बाहर भागा। वो मंजर बहुत भयानक था।”
-बिलाल शाह, 30, इस्लामाबाद
”जिस वक्त भूकंप आया, तब मैं बहुत सारे साथियों के साथ मार्केट में खड़ा था। भूकंप आने के बाद हम इंतजार करते रहे, अब झटके बंद हो जाएं, लेकिन काफी देर धरती हिलती रही। हर तरफ सन्नाटा था, फोन तक काम नहीं कर रहे थे।” -मोहम्मद आजम खान
वहीं, भारत में भूकंप का सबसे ज्यादा असर दिल्ली-एनसीआर में देखने को मिला। यहां करीब दो मिनट तक भूकंप आया। भूकंप की तीव्रता को देखते हुए दिल्ली मेट्रो ने कुछ देर के लिए सेवाएं रोक दीं। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदुकुश में था। इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.7 बताई गई। दिल्ली-एनसीआर में ये झटके करीब दो मिनट तक महसूस किए गए। इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट में दो मामलों की सुनवाई हो रही थी। भूकंप आते ही जज समेत सभी के बाहर निकल गए। भूकंप के कारण जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला को भी भागना पड़ा। उमर ने ट्वीट कर कहा, ‘2005 के बाद यह पहला मौका है जब भूकंप के कारण मुझे बाहर की तरफ भागना पड़ा।’ अब्दुल्ला ने बताया कि श्रीनगर में इलेक्ट्रिसिटी सप्लाइ बंद कर दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है।
कहां हुई सबसे ज्यादा तबाही:
-पाकिस्तान के सरगोधा में सबसे ज्यादा तबाही की खबर है।
-पीओके में ग्लेशियर दरकने की भी खबर है। पाकिस्तान के मौसम विज्ञान विभाग ने दावा किया है कि भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 8.1 थी।
-गुलाम कश्मीर के इस्लामगढ़ में 14 साल के लड़के की भूकंप में मौत की खबर।
अफगानिस्तान में भूकंप के बाद मची भगदड़ में 12 स्कूली लड़कियों की मौत हो गई।
भूकंप के कारण चित्राल में भी 10 लोगों की मौत हुई है।
दिल्ली समेत उत्तर भारत में क्या हुआ असर:
-दिल्ली में मेट्रो सर्विस कुछ देर के लिए रोकी गई। कई इमारतें खाली कराई गईं।
-सुप्रीम कोर्ट में दो मामलों की सुनवाई हो रही थी। भूकंप आते ही जज समेत सभी के बाहर निकल गए। मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है।
भारत में भूकंप का असर:
-भूकंप करीब दो मिनट तक आया, जिसकी वजह से सावधानी बरतते हुए कई इमारतें खाली कराई गईं।
जम्मू-कश्मीर में बिजली की सप्लाई बंद। श्रीनगर में टेलीफोन लाइन ठप।
-इंडियन आर्मी और एयरफोर्स को तैयार रखा गया है।
-दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और -गुजरात में महसूस किए गए झटके। जयपुर में भूकंप के झटके, लोग घरों-दफ्तरों से बाहर निकले।
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं जो लगातार घूम रही हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है। डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
कितनी तबाही लाता है भूकंप
रिक्टर स्केल असर
0 से 1.9 सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।
2 से 2.9 हल्का कंपन।
3 से 3.9 कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर।
4 से 4.9 खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं।
5 से 5.9 फर्नीचर हिल सकता है।
6 से 6.9 इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
7 से 7.9 इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
8 से 8.9 इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं।
9 और उससे ज्यादा पूरी तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी।
भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।