India-Pakistan News: पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑफिसर्स को सेंसेटिव जानकारी लीक करने के आरोप में सीआरपीएफ के असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर मोती राम जाट की गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसियों ने जासूसी नेटवर्क की एक नई लेयर का खुलासा किया है। जांचकर्ताओं के अनुसार, पाकिस्तानी अधिकारियों ने जाट को पैसे भेजने के लिए एक नए तरीके का इस्तेमाल किया।

सीधे या अपने भारतीय संचालकों के जरिये पैसे ट्रांसफर करने के बजाय उन्होंने ज्यादातर बिजनेस ट्रांजेक्शन में शामिल अनजान कस्टमर को जाट के खाते में पैसे जमा करने का निर्देश दिया। सेंट्रल इंटेलिजेंस के एक सूत्र ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘ये ऐसे लोग थे जो या तो किसी के साथ छोटी-मोटी बिजनेस डील करते थे या फिर उनके ग्राहक उन्हें ट्रैवल बुकिंग या करेंसी एक्सचेंज जैसी सेवाओं के लिए क्यूआर कोड के जरिये पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहते थे। लेकिन उन्हें जो अकाउंट डिटेल दी गई थी, वह दरअसल मोती राम जाट की थी।’ उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि जाट कौन था या उसकी असली भूमिका क्या थी।

मोती राम जाट को किया गया था अरेस्ट

सूत्र ने यह भी कहा कि लेन-देन की इस लेयर की वजह से वित्तीय सुराग का पता लगाना बहुत मुश्किल हो गया। मोती राम जाट को पिछले महीने पाकिस्तानी एजेंटों के साथ में जानकारी शेयर करने के आरोप में अरेस्ट किया गया था। वह जम्मू -कश्मीर के पहलगाम में सीआरपीएफ बटालियन में तैनात था और 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले से ठीक पांच दिन पहले उसे दिल्ली ट्रांसफर किया गया था।

पत्रकार बनकर पाक अफसरों ने ली जानकारी

पाकिस्तान में कई डॉक्यूमेंट शेयर किए थे

जांच से पता चला है कि पिछले दो सालों में जाट ने पाकिस्तान में अपने आकाओं को कई सेंसेटिव डॉक्यूमेंट भेजे थे। इसके बदले में उन्हें नियमित भुगतान मिलता था। यह रकम 3,500 रुपये हर महीने और कभी-कभी खुफिया जानकारी के लिए 12,000 रुपये तक की एकमुश्त रकम होती थी। यह रकम उसके और उसकी पत्नी के बैंक खातों में जमा की जाती थी।

एनआईए ने पाया कि पैसे की जमा राशि दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, असम और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों से आई थी। सूत्र ने कहा कि पैटर्न बिल्कुल साफ था कि अलग-अलग क्षेत्रों में संबंधित बैंक खातों से कई बार पैसे ट्रांसफर किए गए। इस खोज के बाद एनआईए की टीमों ने अलीपुर में एक दुकान, खिदरपुर में एक ट्रैवल एजेंसी और कोलकाता के पार्क सर्कस में एक होटल सहित कई जगहों पर एक साथ तलाशी ली । एक मामले में, एक ट्रैवल एजेंसी के मालिक को संदिग्ध लेनदेन के बारे में पूछताछ के लिए बुलाया गया था।

एनआईए ने कई चीजें जब्त की

इस महीने की शुरुआत में, एनआईए ने जासूसी संबंधों की पुष्टि की। एजेंसी ने एक बयान में कहा, ‘संदिग्धों के पाकिस्तानी गुर्गों से संबंध थे और वे भारत में जासूसी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए वित्तीय माध्यम के रूप में काम करते थे। एनआईए की टीमों ने तलाशी के दौरान कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट और संवेदनशील फाइनेंसियल डॉक्यूमेंट, साथ ही अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की है।’

सूत्रों के अनुसार, जाट ने दावा किया है कि शुरुआत में उनसे एक महिला ने संपर्क किया था। वह चंडीगढ़ में मौजूद एक टीवी चैनल की पत्रकार के रूप में खुद को पेश करती थी। फोन और वीडियो कॉल पर नियमित बातचीत के बाद, उन्होंने उसके साथ डॉक्यूमेंट शेयर करना शुरू कर दिया। कुछ महीने बाद एक व्यक्ति ने बातचीत को आगे बढ़ाया और साथी पत्रकार के तौर पर इस छल को जारी रखा। रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआती संपर्क के दो से तीन महीने बाद भुगतान शुरू हुआ और हर महीने की चौथी तारीख को पैसे ट्रांसफर किए गए। 2023 से पाकिस्तान को दे रहा था ‘सीक्रेट’ जानकारी पढ़ें पूरी खबर…