पहलगाम आतंकी हमले के दौरान गर्दन और पेट में गोली लगने के बाद एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती डॉ. ए परमेश्वरन की हालत अब स्थिर है। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उनकी कम उम्र और शारीरिक फिटनेस ने उन्हें ठीक होने में मदद की। तमिलनाडु के कांचीपुरम के 31 वर्षीय ईएनटी सर्जन अपनी पत्नी डॉ. नयनतारा अरविंद के साथ छुट्टियां मनाने पहलगाम गए थे, तभी उन्हें आतंकियों ने गोली मार दी थी।

डॉक्टर आईसीयू से बाहर

परमेश्वरन के दाहिने हाथ में भी फ्रैक्चर हो गया है। एम्स के जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर के सूत्रों ने बताया कि पांच दिनों तक आईसीयू में रहने के बाद अब परमेश्वरन को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। परमेश्वरन को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में सरकारी मेडिकल कॉलेज में कई प्रारंभिक सर्जरी के बाद 22 अप्रैल को एयरलिफ्ट करके एम्स लाया गया था। अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया, “डॉक्टर उनके दाहिने हाथ और पेट में घाव का इलाज कर रहे हैं। वह एक युवा व्यक्ति हैं और अच्छी फिटनेस और किस्मत ने उन्हें बचने में मदद की।”

अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि अब उनकी फिटनेस को फिर से बहाल करने के लिए फिजियोथेरेपी की जा रही है। एक अधिकारी ने कहा, “हमने आज सुबह ही इसकी शुरुआत की और अब हम उनकी गतिशीलता पर काम कर रहे हैं।”

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एम्स के डॉक्टरों ने पहले कहा था कि डॉ. परमेश्वरन की हालत गंभीर है। उनके इलाज में शामिल सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उनकी आंत और लीवर में गंभीर चोटें आई हैं और उनके दाहिने हाथ में ह्यूमरस की हड्डी टूट गई है। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए परमेश्वरन की पत्नी डॉ. नयनतारा अरविंद के मामा लोकमान्य तिलक ने कहा था कि परिवार और नयनतारा बहुत तनाव में हैं। तिलक ने कहा था, “मैंने ही उन्हें (डॉक्टर को पहलगाम में) एक भोजनालय में कुर्सी पर बैठाया और स्थानीय लोगों से मदद मांगी। स्थानीय पुलिस की मदद से वे उन्हें अस्पताल ले गए।”

अनंतनाग मेडिकल कॉलेज में परमेश्वरम की एक महत्वपूर्ण जीवन रक्षक सर्जरी की गई, लेकिन चूंकि मरीज को गहन, पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल, पल-पल की निगरानी और हस्तक्षेप की आवश्यकता थी, इसलिए उन्हें एयर एम्बुलेंस में एम्स ले जाया गया। पेट पर नजदीक से गोली लगने से लीवर और आंतों को गंभीर नुकसान हो सकता है। लीवर से बहुत अधिक ब्लीडिंग हो सकता है, जिससे शरीर सदमे में चला जाता है, जबकि आंतों में छेद होने और ब्लीडिंग होने का खतरा रहता है।