Operation Blue Star: साल 1984 में हुए ऑपरेशन ब्लूस्टार की आज 35वीं बरसीं है। स्वतंत्र भारत में ऑपरेशन ब्लूस्टार देश में सबसे खूनी लड़ाई के तौर पर इतिहास में दर्ज है। ऑपरेशन ब्लूस्टार में जान-माल का भारी नुकसान हुआ था और इस संघर्ष में सेना के 83 जवान और 492 आम नागरिक मारे गए थे। बता दें कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी इतनी बड़ी संख्या में लोगों के मारे जाने की उम्मीद नहीं थी और जब उन्हें इस बात की जानकारी दी गई कि ऑपरेशन ब्लूस्टार में कितने लोग मारे गए हैं, तो इंदिरा गांधी एकबारगी परेशान हो उठी थीं।

RAW ने बनाया था गुप्त ऑपरेशन का प्लानः भारतीय खूफिया एजेंसी RAW ने ऑपरेशन ब्लूस्टार से पहले स्वर्ण मंदिर को कट्टरपंथियों के चंगुल से छुड़ाने के लिए एक गुप्त ऑपरेशन का प्लान बनाया था। हालांकि इंदिरा गांधी ने इसकी इजाजत नहीं दी थी। इंडिया टुडे की एक खबर के अनुसार, भारतीय खूफिया एजेंसी रॉ के तत्कालीन डायरेक्टर जनरल सिक्योरिटी (DGS) ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को इस खूफिया प्लान की जानकारी दी थी। इस प्लान को इंदिरा गांधी के सलाहकार आर.एन काव द्वारा अंतिम रुप दिया गया था। अपने प्लान के तहत अधिकारी ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को बताया कि किस तरह से भारतीय सेना के प्रशिक्षित कमांडो स्वर्ण मंदिर के गेस्ट हाउस गुरु नानक निवास के अंदर दाखिल होंगे और वहां से कट्टरपंथियों के नेता जरनैल सिंह भिंडरावाला को पकड़कर ले आएंगे। इस ऑपरेशन को सनडाउन (Operation Sundown) नाम दिया गया।

खबर के अनुसार, ऑपरेशन सनडाउन के तहत 200 स्पेशल कमांडो को कई हफ्तों तक ट्रेनिंग दी गई थी। कमांडो को ट्रेनिंग उत्तर प्रदेश के सरसावा एयर बेस स्टेशन पर दी गई थी, जहां लकड़ी की एक दो मंजिला इमारत बनायी गई थी, जिसमें कमांडो ऑपरेशन की तैयारी करते थे। ऑपरेशन के तहत कमांडो को दो Mi-4 हेलीकॉप्टर्स में सवार होकर स्वर्ण मंदिर के गुरु नानक निवास गेस्टहाउस की छत पर उतरकर गेस्ट हाउस में दाखिल होते और उसके बाद गेस्टहाउस के टॉप फ्लोर पर बने जरनैल सिंह भिंडरावाले के कमरे से उसे गिरफ्तार किया जाना था। इस दौरान कमांडो की एक टीम वाहनों से भी मौके पर पहुंचती और चारों ओर से घेरकर भिंडरावाले को पकड़ लेती। हालांकि इस दौरान भिंडरावाले के समर्थकों और अंगरक्षकों के साथ भिड़ंत की पूरी संभावना थी।

(express archive)

इंदिरा गांधी ने नहीं दी इजाजतः खबर के अनुसार, इंदिरा गांधी ने पूरे ऑपरेशन को ध्यान से सुना और ऐसा लगा था कि वह शायद इससे संतुष्ट हैं, लेकिन उन्होंने सिर्फ एक सवाल पूछा कि इस ऑपरेशन में कितने लोग मारे जाएंगे? इस पर रॉ के अधिकारी बोले कि इस ऑपरेशन में 20% कमांडो और सेना के दोनों हेलीकॉप्टर्स का नुकसान हो सकता है। इस पर इंदिरा गांधी ने पूछा कि वह नागरिकों के होने वाले नुकसान के बारे में जानना चाहती हैं। इस पर रॉ के अधिकारी कोई जवाब नहीं दे सके। इसके बाद इंदिरा गांधी ने इस कॉवर्ट ऑपरेशन को रोकने का फरमान सुना दिया था। हालांकि इस बात के सिर्फ 2 माह बाद ही इंदिरा गांधी ने ऑपरेशन ब्लूस्टार करने का आदेश दिया। जिसके जख्म आज तक भी हरे हैं और ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसीं पर हर साल पंजाब में तनाव का माहौल देखा जाता है।