प्याज की कीमतें एक बार फिर से आम लोगों की आंखों से आंसू निकाल सकती है। देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में प्याज के भाव एक ही दिन में 1000 रुपये प्रति क्विटंल बढ़ गए। बृहस्पतिवार को प्याज का थोक औसत मूल्य 1000 रुपये प्रतिक्विटंल बढ़ने के बाद 4500 रुपये पर पहुंच गया।
इससे पहले इस साल 16 सिंतबर को प्याज की कीमतें 4300 रुपये प्रति क्विंटल पहुंची थीं। 16 सिंतबर 2015 के बाद यह प्याज की सबसे अधिक कीमत है। 22 अगस्त 2015 को प्याज की कीमत सबसे अधिक 5700 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गई थीं। मालूम हो कि लासलगांव में प्याज की कीमतें पिछले कुछ सप्ताह से लगातार धीरे-धीरे बढ़ रही हैं। नासिक के खुदरा बाजार में प्याज 50 रुपये प्रतिकिलो बिक रहा है। वहीं पिछले सप्ताह प्याज की कीमतें 35 रुपये प्रति किलो थीं।
बृहस्पतिवार को हुई कीमतों में बढ़ोतरी का असर खुदरा बाजार में भी देखने को मिल रहा है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार कृषि उत्पादन बाजार समिति के सूत्रों का कहना है कि दक्षिण भारतीय राज्य जहां प्याज की पैदावार होती हैं, वहां प्याज की कमी है। इन राज्यों में प्याज की मांग अधिक है। प्याज की कीमतें बढ़ने का यह एक बड़ा कारण है। जानकारों का कहना है कि खरीफ की फसल अभी तैयार नहीं हुई है। इसे तैयार होने में अभी नवंबर तक का समय लगेगा। ऐसे में प्याज की थोक कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है।
लासलगांव में प्याज की आवक में कमीः खबर के अनुसार लासलगांव मंडी में पिछले कुछ दिनों में प्याज की आवक में कमी देखने को मिल रही है। पिछले महीने जहां प्रतिदिन 15000 क्विंटल प्याज की आवक थी, वहीं बारिश के कारण मौजूदा समय में यह आवक घट कर 10-12 हजार क्विंटल रह गई है। कृषि बाजार समिति के अधिकारियों के अनुसार जिले में हो रही लगातार बारिश के कारण पिछले कुछ दिनों से लगातार प्याज की आवक में कमी देखने को मिल रही है।
इससे पहले बृहस्पतिवार को बाजार में केवल 7000 क्विंटल ही प्याज पहुंची। जानकारों का कहना है कि दक्षिण भारतीय राज्यों से नई प्याज आने के बाद अगले 15-20 दिनों में स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा।

