हैदराबाद के जिन पांच युवाओं को NIA ने इस्लामिक स्टेट की तरफ से धमाकों की तैयारी करने के शक में उठाया था, उनका ब्रेनवॉश किया गया था। सूत्रों के अनुसार, उनमें एक ने ग्रुप की गतिविधियों का खर्चा जुटाने के लिए अपनी पत्नी के गहने तक बेच दिए थे। वहीं एक अन्य टेक सेवी युवा ने Amazon.in पर एयर पिस्टल्स और पेलेट्स की रिक्वायरमेंट डाली थी। जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, युवाओं के खिलाफ सबूत के तौर पर ‘इस्लामिक स्टेट के खलाफा के प्रति बया (निष्ठा की शपथ) मिली है जिसपर पांचाें युवाओं के हस्ताक्षर है। इस बया को स्कैन कर उनके हैंडलर शफी अरमार को भेजा गया। अरमार ने इन युवाओं को भरोसा दिलाया कि वह उनकी बया को आईएस के मुखिया अबू-बकर-अल-बगदादी को भेज देगा।
NIA ने जॉर्डन के एक नागरिक की भी पहचान की है जिसने इस ग्रुप के नेता इब्राहिम यजदानी को इस्लामिक स्टेट से जुड़ने के तब बरगलाया, जब वह सऊदी अरब में था। सूत्रों के अनुसार सुहेब अल-आबुदी खुद सीरिया गया और वहां लड़ते-लड़ते मारा गया। NIA के एक अफसर के अनुसार, दोनों सऊदी अरब में एक वर्कप्लेस पर मिले थे जहां यजदानी तीन साल गुजार चुका था। हालांकि यजदानी को पहले ही बरगलाया जा चुका था और वह जिहाद में यकीन रखता था, सुहेब ने यजदानी के इस्लामिक स्टेट की तरफ झुकाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। तभी इंटरनेट के जरिए उसकी मुलाकात वर्तमान हैंडर आमिर (संदिग्ध शफी अरमार) से हुई।”
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NIA सूत्रों के अनुसार, इब्राहिम ग्रुप का सबसे कट्टरपंथी सदस्य था और वह दो बार अपनी पत्नी, एक साल के बेटे और भाई इलियास के साध ग्रीस के रास्ते सीरिया जाने की कोशिश कर चुका था। इलियास को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। सूत्रों के अनुसार जब इब्राहिम सऊदी अरब से लौटकर आया तो उसके पास नौकरी नहीं थी। उसने खुद को Amazon.in पर मोबाइल एसेसरीज के विक्रेता के तौर पर रजिस्टर किया। उसके सहयोगी फहाद ने बाद में अमेजन का इस्तेमाल कर एयर पिस्टल और पेलेट्स मंगाए, लेकिन डिलीवरी के पहले ही उन्हें अरेस्ट कर लिया गया। NIA सूत्रों के दावे के अनुसार, ग्रुप ने हैदराबाद के एक लोकल डीलर से एक एयर-राइफल प्रैक्टिस के लिए ली थी। हालांकि नानदेड़ से जो दो चाइनीज पिस्टल ग्रुप के हाथ लगी, उनका इंतजाम अरमार ने मुफ्त में कराया क्योंकि इस ग्रुप के पास पैसे नहीं थे।