इस बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्रपति भवन में आयोजित एट होम कार्यक्रम में सामाजिक शिष्टता के लिहाज से बड़ी चूक देखने को मिली। कार्यक्रम में विभिन्न देशों के राजदूतों के साथ ही कई वीआईपी व गणमान्य लोग पहुंचे हुए थे। इन लोगों के साथ मानों बिल्कुल शिष्टाचार रहित व्यवहार किया गया।
कार्यक्रम में मौजूद कई मेहमानों को एक कप चाय तक भी नसीब नहीं हुई। यह सब कुछ एक नई मिसाल कायम करने के बाद हुआ। कार्यक्रम के मेजबान राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद अपनी ही पार्टी में मेहमानों से पहले निकल गए। वह चाहते तो उनके साथ या उनके जाने के बाद वहां से निकल सकते थे।
राष्ट्रपति निकल रहे हैं यह उस समय बिल्कुल स्पष्ट हो गया जब मिलिट्री बैंड ने राष्ट्रगान की धुन बजाई। आमतौर पर यह कार्यक्रम के खत्म होने के बाद ही होता है। मेहमानों के साथ इस तरह का व्यवहार यहीं खत्म नहीं हुआ। मेहमानों को कार्यक्रम स्थल पर शाम 4.30 बजे ही पहुंचने को कह दिया गया था। जबकि कार्यक्रम को शाम 6 बजे शुरू होना था।
इसके बाद यह कार्यक्रम शाम 7.15 तक चलना था। रिसेप्शन हॉल में मेहमानों को पीने के लिए पानी भी नहीं पूछा गया। इसके विपरीत राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के कार्यकाल के पहले दो साल में कई लोग इस कार्यक्रम के आयोजन की तारीफ करते थे।
लोगों के तारीफ की वजह कार्यक्रम को अधिक औपचारिक और दोस्ताना बनाने के राष्ट्रपति भवन की तरफ से किए जाने वाले प्रयास थे।
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शुरू के दो साल में आयोजित कार्यक्रम में मेहमानों और वीआईपी से मिलने जुलने पर किसी तरह की रोक नहीं थी। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति के वॉकवे ग्रीटिंग्स के बाद सभी मेहमान व गणमान्य लोग एक दूसरे से मिलते थे। लेकिन अब सुरक्षा की भारी व्यवस्था के कारण हाल के समय में मेहमानों से कार्यक्रम में शामिल लोगों को मिलना जुलना लगभग असंभव सा हो गया है। अब मेहमान भारी सुरक्षा व्यवस्था के साथ अलग इन्कलोजर में रहते हैं।