ओडिशा के कटक में हिंसा के बाद 13 थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है। ओडिशा सरकार ने रविवार रात कटक में ताजा हिंसा की घटनाओं के बाद 13 थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू कर दी और इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दीं। यह कदम दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान हाल ही में हुई झड़प के बाद उठाया गया, जिसमें 25 लोग घायल हो गए थे। पुलिस आयुक्त एस देवदत्त सिंह ने बताया कि ये आदेश रविवार रात 10 बजे से 36 घंटे तक प्रभावी रहेंगे।
पुलिस आयुक्त ने बताया कि निषेधाज्ञा दरगाह बाजार, मंगलाबाग, छावनी, पुरीघाट, लालबाग, बिदानासी, मरकट नगर, सीडीए फेज-2, मालगोदाम, बादामबाड़ी, जगतपुर, बयालीस मौजा और सदर थाना क्षेत्रों में लागू रहेगी। वहीं, राज्य सरकार ने मौजूदा कानून और व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए कटक नगर निगम, कटक विकास प्राधिकरण (सीडीए) और आसपास के 42 मौजा क्षेत्र में रविवार शाम सात बजे से सोमवार शाम सात बजे तक इंटरनेट सेवाओं को भी निलंबित कर दिया है।
कटक में कैसे भड़की हिंसा?
अधिकारियों ने बताया कि हिंसा की यह ताज़ा घटना विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा शाम को ज़िला प्रशासन के आदेशों की अवहेलना करते हुए मोटरसाइकिल रैली आयोजित करने के बाद हुई। पुलिस आयुक्त सिंह ने कहा कि रैली में शामिल लोग उस समय हिंसक हो गए जब सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें आगे बढ़ने से रोका। उन्होंने कहा, ‘‘ चूंकि रैली में शामिल लोगों का प्रवेश संवेदनशील इलाके में अशांति फैलाने के उद्देश्य से था इसलिए पुलिस ने उन्हें रोक दिया, जिसके बाद उन्होंने पथराव शुरू कर दिया। पुलिस को उन्हें तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस, रबर की गोलियों का इस्तेमाल करना पड़ा।”
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वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हिंसा में आठ पुलिसकर्मियों सहित 25 लोग घायल हुए हैं। पुलिस आयुक्त ने यह भी बताया कि शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात को हुए सामूहिक संघर्ष में चार लोग और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। चार घायलों में से तीन को शनिवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। पुलिस के अनुसार, दरगाहबाजार क्षेत्र के हाथी पोखरी के पास विसर्जन जुलूस के कथाजोड़ी नदी के किनारे देवीगढ़ की ओर जाने के दौरान रात डेढ़ बजे से दो बजे के बीच झड़पें हुईं।
कटक: स्थिति को संभालने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया
अधिकारियों ने बताया कि हिंसा तब भड़की जब कुछ स्थानीय लोगों ने जुलूस में बज रहे तेज संगीत पर आपत्ति जताई। बहस जल्द ही टकराव में बदल गई, जब भीड़ ने छतों से पत्थर और कांच की बोतलें फेंकनी शुरू कर दीं, जिससे कटक के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) खिलारी ऋषिकेश ज्ञानदेव समेत कई लोग घायल हो गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। झड़प के दौरान कई वाहन और सड़क किनारे लगे ठेले भी क्षतिग्रस्त हुए।
Cuttack: विसर्जन का कार्यक्रम लगभग तीन घंटे के लिए रोक दिया गया
विसर्जन का कार्यक्रम लगभग तीन घंटे के लिए रोक दिया गया क्योंकि पूजा समिति के सदस्यों ने झड़प में शामिल लोगों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। भारी सुरक्षा के बीच विसर्जन का कार्यक्रम फिर से शुरू हुआ और रविवार सुबह साढ़े नौ बजे तक शेष सभी प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। पुलिस के अनुसार, अब तक छह लोग गिरफ्तार किए गए हैं और सीसीटीवी फुटेज, ड्रोन से लिये गये दृश्यों और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के आधार पर अन्य लोगों की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है।
विहिप के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘बार-बार अनुरोधों के बावजूद प्रशासन शांतिपूर्ण विसर्जन सुनिश्चित करने में विफल रहा।’’ बीजू जनता दल (बीजद) ने असामाजिक तत्वों को दोषी ठहराया और कहा कि उन्होंने सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने का प्रयास किया। वहीं मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया और अधिकारियों को घायल लोगों को नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए हैं और स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए निषेधाज्ञा लागू किए गए हैं। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।
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(इनपुट-भाषा)