केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में एक कॉनवेंट स्कूल में 71 वर्षीया नन के साथ सामूहिक बलात्कार मामले की सीबीआइ से जांच कराने के राज्य सरकार के आग्रह को शुक्रवार को नामंजूर कर दिया। इस बीच मामले में गिरफ्तार दूसरे संदिग्ध गोपाल सरकार को शुक्रवार को अदालत ने 14 दिन के लिए सीआइडी हिरासत में भेज दिया।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नन सामूहिक बलात्कार मामले की सीबीआइ से जांच कराने की पश्चिम बंगाल सरकार की सिफारिश प्राप्त हुई है और इसे अस्वीकार कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस बारे में निर्णय से राज्य सरकार को सूचित कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि इस मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 19 मार्च को यह घोषणा की थी कि उनकी सरकार इस मामले की सीबीआइ जांच कराने की सिफारिश करेगी और इस मामले में सीबीआइ जांच में सभी तरह के सहयोग का आश्वासन दिया। राज्य के नदिया जिले में कान्वेंट स्कूल की सीनियर सिस्टर से 14 मार्च को डकैतों ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था और इस घटना के सीआइडी जांच के आदेश दिए गए थे। राज्य की सीआइडी ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है जो बांग्लादेशी हैं। उधर इस मामले में गिरफ्तार दूसरे संदिग्ध गोपाल सरकार को शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया जिसने उसे 14 दिन के लिए सीआइडी हिरासत में भेज दिया।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पापिया दास ने अभियोजन पक्ष की दलील से सहमत होते हुए उसे सीआइडी की हिरासत में देने का आदेश दिया। आरोपी सरकार पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं 212 व 216 (ए) (आरोपी को पूर्व में शरण देना) और 395 (डकैती), 397 (गंभीर चोट या मारने की कोशिश के साथ डकैती) और 376 (बलात्कार) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।
नृशंस अपराध में कथित रूप से शामिल होने के अलावा सरकार ने इसमें शामिल दूसरे अपराधियों को पनाह भी दी थी। सरकार को गुरुवार को उत्तर 24 परगना जिले के हावड़ा स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया गया और उसके पास से दो मोबाइल फोन जब्त किए गए। गुरुवार को अदालत में पेश किए गए पहले संदिग्ध मोहम्मद सलीम शेख की तरह सरकार को भी शुक्रवार को कोई वकील नहीं मिला।
रानाघाट बार एसोसिएशन के सचिव मिलन सरकार ने कहा कि उन्होंने एक ‘नृशंस अपराध’ किया है इसलिए उनकी पैरवी नहीं करने का फैसला किया गया है। हालांकि दोनों को उप संभागीय कानूनी सहायता समिति से कानूनी मदद मिलेगी। समिति के प्रतिनिधि और वकील वासुदेव मुखोपाध्याय ने गुरुवार को यह जानकारी दी थी। शेख को भी 14 दिन की सीआइडी हिरासत में भेज दिया गया है। उसे मुंबई में पकड़े जाने के बाद ट्रांजिट रिमांड पर यहां लाया गया था।