हरियाणा के नूंह में एक बार फिर शोभायात्रा निकालने की तैयारी है। ये शोभायात्रा असल में पहली वाली शोभायात्रा का ही हिस्सा है। महापंचायत ने पलवल में हुई बैठक में ये फैसला लिया है। असल में धार्मिक संगठनों ने ही मांग की थी कि अधूरी रह गई शोभायात्रा को पूरा किया जाना चाहिए। उसी वजह से अब 28 अगस्त को फिर शोभायात्रा निकाली जाएगी।
महापंचायत की क्या मांगें?
अब नूंह में बस शोभायात्रा निकालने की बात नहीं है, महापंचायत ने सरकार के सामने कई मांगें भी रख दी हैं। उन मांगों में हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार के लिए एक करोड़ रुपये, सरकारी नौकरी देने की बात कही गई है। इसके अलावा जोर देकर कहा गया है कि इलाके में जो भी अवैध रूप से रह रहा है, फिर चाहे वो बांग्लादेशी हो या फिर रोहिंग्या, उन सभी को बाहर का रास्ता दिखाया जाए। एक बड़ी मांग ये भी कर दी गई है कि नूंह के आसपास वाले गांवों में लोगों को आर्म्स लाइसेंस दे दिया जाए।
नूंह में कैसे भड़की थी हिंसा?
जानकारी के लिए बता दें कि पिछली बार जब नूंह में वीएचपी द्वारा शोभायात्रा निकाली गई थी, तब भयंकर हिंसा का दौर शुरू हो गया। असल में बजरंग दल के नेता मोनू मानेसर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल रहा था। उस वीडियो में मोनू ने कहा था कि वो भी नूंह वाली शोभायात्रा में हिस्सा लेगा। उसी बात से नूंह का मुस्लिम समुदाय आक्रोशित हो गया था। असल में मोनू पर आरोप है कि नासिर और जुनैद की हत्या में उसका हाथ रहा। पुलिस को उसकी तलाश है, लेकिन वो कहीं फरार चल रहा है।
उसी वजह से जब नूंह में शोभायात्रा पहुंची, पथराव देखने को मिला, आगजनी हुई और जमकर बवाल काटा गया। कुल 6 लोगों की उस हिंसा में मौत हुई। अभी भी पुलिस उस हिंसा की जांच कर रही है, प्रशासन की तरफ से बुलडोजर कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। कई घर जमींदोज किए जा चुके हैं।