देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी चित्रा रामकृष्णा अज्ञात योगी के निर्देश पर एनएसई से जुड़े बड़े फैसले लेने और उनसे एनएसई की सीक्रेट जानकारियां शेयर करने को लेकर विवादों में फंस गई है। जिसे लेकर सेबी और आईटी डिपार्टमेंट उन पर कड़ा एक्शन ले रहे हैं। आज हम आपको बताएंगे कि कैसे चित्रा देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज की प्रमुख बनी और अज्ञात योगी के जाल में फंस गई।
चित्र रामकृष्णा पेशे से एक चार्टर्ड अकाउंटेंट है। 1991 में NSE की स्थापना से ही वह मुख्य भूमिका में थी। वह उन 5 लोगों में शामिल थी जिन्हें देश में शेयर मार्केट के सबसे बड़े घोटाले ‘हर्षद मेहता स्कैम’ के बाद एक बेहतर पारदर्शी स्टॉक एक्सचेंज बनाने के लिए चुना गया था।
चित्रा ने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1985 में आईडीबीआई बैंक से की थी। इस दौरान उन्होंने कुछ समय के लिए सेबी में भी काम किया था। बता दें कि आरएच पाटिल एनएसई के पहले मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे। चित्रा रामकृष्णा उनकी कोर टीम के 5 सदस्यों में से एक थी। 2013 में रवि नारायण का कार्यकाल समाप्त होने के बाद चित्रा को 5 साल के लिए एनएसई का प्रमुख बनाया गया था। एनएसई पर करीब से निगाह वाले लोगों का कहना है कि आरएच पाटिल, रवि नारायण और चित्रा रामकृष्णा ने एनएसई को देश का सबसे कामयाब स्टॉक एक्सचेंज बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है।
फ्यूचर इंडस्ट्री एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार 2021 में भारत का नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) कुल कॉन्ट्रैक्ट ट्रेड होने की संख्या के हिसाब से दुनिया में नंबर वन था।
अज्ञात योगी के जाल में कैसे फंसी चित्रा?: चित्रा रामकृष्णा ने एनएसई की कई महत्वपूर्ण जानकारियां ‘अज्ञात योगी’ को एक ईमेल पर भेजी थी। जब सेबी के द्वारा इस ईमेल के बारे में पूछा तो चित्रा ने बताया कि यह ‘सिद्ध पुरुष/ अज्ञात योगी’ की मेल आईडी है। जो हिमायल में रहते हैं। वह ‘अज्ञात योगी’ से 20 साल पहले गंगा के घाट पर मिली थी। आगे उन्होंने कहा कि तब से मैंने कई व्यक्तिगत और व्यावसायिक मामलों पर उनका मार्गदर्शन लिया है।
चित्रा पर आरोप: चित्र रामकृष्णा को 2013 में एनएसई का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) बनाया था। चित्रा ने पद संभालते ही एनएसई में चीफ स्ट्रेटजी ऑफिसर (COO) पद बनाया। जिस पर आनंद सुब्रमण्यम की नियुक्ति की गई। आनंद सुब्रमण्यम इससे पहले सरकारी कंपनी Balmer Lawrie में काम करते थे। जहां उनकी सैलरी 15 लाख थी। चित्रा ने एनएसई में उनकी सैलरी 15 लाख रुपए से बढ़ाकर 1.38 करोड़ रुपए सालाना कर दी । इस दौरान लगातार उन्हें पदोन्नति भी दी गई और वह ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर बन गए।
आनंद सुब्रमण्यम मामले को लेकर सेबी के द्वारा की गई जांच में चित्रा ने बताया कि आनंद की नियुक्ति उन्होंने हिमालय में बैठे योगी के कहने पर की है। 11 फरवरी 2022 को जांच के बाद सेबी ने चित्रा पर 3 करोड़ रुपए का फाइन लगाया।