जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने और राज्य को दो यूनियन टेरिटरी में बांटे जाने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल कश्मीर की यात्रा पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सुरक्षा बलों के साथ-साथ आम जनता के साथ भी सड़क पर मुलाकात की और बातचीत की। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में पैदा हुई नई परिस्थिति काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाली है। बताया जा रहा है कि ऐसी परिस्थिति का सामना करने और माहौल को ट्रैक पर लाने के लिए अजीत डोभाल ने 7 सूत्रीय एजेंडा तैयार किया है।

अजीत डोभाल के सात सूत्रीय एजेंडे में उपद्रव की सूरत में स्थिति को संभालने से लेकर संवाद कायम करने और तय वक्त में सुविधाओं को मुहैया कराने का प्लान शामिल है। टाइम्स नाउ की एक रिपोर्ट के मुताबिक डोभाल के ये सात सूत्रीय कार्यक्रम हैं;

1.घाटी में कोई हिंसा न हो और न ही किसी की मौत हो
2.विकास के कामों को वक्त से पहले पूरा करके दिखाना
3.ईद और नमाज के वक्त कश्मीर के लोगों को कोई परेशानी नहीं होना
4.लोगों की आक्रोश को समझना और उनकी बातों को सुनना। साथ ही यूनियन टेरिटरी के बारे में समझाते रहना
5.फंड का इस्तेमाल शीघ्रता से करना और लोगों को समझदारी से उसमें शामिल करना
6.पुलिस प्रशासन पर विशेष तवज्जो देना
7.जब तक पहले की स्थिति बहाल नहीं हो जाती, तब तक अस्थाई कॉल सेंटर को स्थापित करना

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मंगलवार को संसद से अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया गया और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 को पारित किया गया। इसमें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग यूनियन टेरिटरी बनाया गया। स्थिति की समीक्षा करने के लिए घाटी में खुद NSA डोभाल पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के बाद लोगों से बातचीत भी की। डोभाल शोपियां जिले में लोगों के साथ विश्वास बहाली की कोशिश करते दिखाई दिए।