नई दिल्ली। मोबाइल हैंडसेट बनाने वाले फिनलैंड के नोकिया कारपोरेशन ने चेन्नई का अपना मोबाइल हैंडसेट कारखाने का परिचालन पहली नवंबर से बंद करने की घोषणा की है। नोकिया का अधिग्रहण करने वाली माइक्रोसॉफ्ट ने इस कारखाने में बने सेट खरीदने का करार खत्म कर दिया है। इसके बाद नोकिया ने यह घोषणा की है।
नोकिया के इस फैसले से कारखाने के 11 सौ कर्मचारियों के भविष्य को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बन गई है। नोकिया ने बयान में कहा है,‘माइक्रोसॉफ्ट ने सूचित किया है कि वह एक नवंबर, 2014 से विनिर्माण सेवा करार समाप्त कर रही है। माइक्रोसॉफ्ट से आगे और ऑर्डर नहीं मिलने की स्थिति में कंपनी एक नवंबर से अपने श्रीपेरंबदूर कारखाने का परिचालन बंद कर रही है।’ कंपनी ने कहा है कि कर विभाग ने उसकी परिसंपत्तियों की बिक्री पर जो रोक लगाई है, उससे कारखाने को किसी अन्य को स्थानांतरित करने की संभावना तलाशने में मुश्किल आ रही है।
भारतीय कर अधिकारियों के साथ विवाद की वजह से कंपनी को माइक्रोसॉफ्ट कार्प के साथ 7.5 अरब डॉलर के सौदे में इस कारखाने को बाहर रखना पड़ा था। अधिकारियों का आरोप था कि नोकिया ने गलत तरीके से सॉफ्टवेयर निर्यात पर मुक्तता का दावा कर कर भुगतान नहीं किया।
नोकिया ने कर विभाग के इस दावे को अदालत में चुनौती दी है। यह सौदा 25 अप्रैल, 2014 को पूरा हो गया। लेकिन चेन्नई कारखाने का स्थानांतरण माइक्रोसॉफ्ट को नहीं हुआ।
नोकिया ने चेन्नई कारखाने में जनवरी 2006 से मोबाइल हैंडसेट बनाने का काम शुरू किया था। यहां के उत्पादों को पश्चिम एशिया, अफ्रीका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड आदि देशों को निर्यात किया जाता था।
इस साल मार्च में तमिलनाडु सरकार ने नोकिया को 24 सौ करोड़ रुपए का नोटिस जारी किया था। उसका कहना था कि कंपनी ने चेन्नई कारखाने के उत्पादों की बिक्री घरेलू बाजार में की है, जबकि उसे इसका निर्यात करना था।
