दुनिया के जाने-माने अर्थशात्री और नोबल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह की तरफ से मोर्चा संभाल लिया है। पिछले दिनों नसीरुद्दीन शाह द्वारा देश में बढ़ती हिंसक गतिविधियों पर टिप्पणी ने विवादों का रूप धारण कर लिया था। रविवार को कोलकाता में सेन ने नसीरुद्दीन शाह की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें ‘परेशान’ करने की कोशिश की जा रही है। दरअसल, देश भर में बढ़ रही हिंसक गतिविधियों पर प्रतिक्रिया देने के बाद एमनेस्टी इंडिया के एक वीडियो में गैर सरकारी संगठनो (NGO) के खिलाफ सरकार की तरफ से कथित कार्रवाई की आलोचना के बाद शाह ट्रोल के निशाने पर आ गए। शुक्रवार को वीडियो में शाह ने कहा, “जो अधिकारों की मांग कर रहे हैं, उन्हें कैद किया जा रहा है।”
इस संदर्भ में जब मीडिया ने नसीरुद्दीन शाह की टिप्पणी पर अमर्त्य सेन से जवाब मांगा तो उन्होंने कहा, “हमें अभिनेता (नसीरुद्दीन शाह) को परेशान करने वाली कोशिशों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।” 85 साल के सेन ने कहा कि देश में कई संस्थाएं ख़तरे की जद में हैं और उनकी स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया जा रहा है। ‘यहां तक कि पत्रकारों को भी सताया जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि दूसरों के प्रति सहनशीलता का खत्म होना एक चिंताजनक बात है। यह दर्शाता है कि हम सोचने और विश्लेषण करने की क्षमता को गवां रहे हैं।
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गौरतलब है कि हिंदी फिल्म के स्टार अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने कुछ दिन पहले एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने देश की सामाजिक समरसता के बिगड़ने का हवाला दिया था। उन्होंने कहा था कि देश में जैसे हालात होते जा रहे हैं ऐसे में उन्हें डर सताने लगा है कि कल कहीं उनके बच्चों को भी कोई हिंदू और मुसलमान बताकर मार न दें। शाह के इस बयान के बाद जमकर बवाल हुआ। उन्होंने इसके बाद फिर अपने विचार रखे कि धर्म के नाम पर जो दीवार खड़ी की जा रही है वह किसी के लिए अच्छा नहीं है।