केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देश की संस्कृति एवं धरोहर की प्रतीक गंगा नदी के संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने शुक्रवार को दुनियाभर के भारतीयों से केंद्र के नमामि गंगे और स्वच्छ भारत अभियानों के प्रति योगदान करने की जोरदार अपील की।

जेटली ने कहा, गंगा महज धर्म की प्रतीक नहीं है। यह पवित्रता, संस्कृति और भूगोल की प्रतीक है। सबसे बड़ी बात यह हमारी अर्थव्यवस्था के अति महत्वूपर्ण उपकरणों में से एक है। उन्होंने स्वच्छ भारत कार्यक्रम के तहत शौचालयों के निर्माण के लिए माता अमृतानंदमयी से 100 करोड़ रुपये का चेक ग्रहण करने के बाद यह बात कही। मठ की ओर से इसके अलावा सौ करोड़ रुपये इस महीने के बाद में दिए जाएंगे।

वित्त मंत्री ने कहा कि वे 40 फीसदी भारतीय गंगा पर निर्भर करते हैं जो उसके आसपास रहते हैं। हम गंगा पर इतना निर्भर हैं, उसके प्रति इतना समर्पित हैं लेकिन फिर भी हम इस नदी के संरक्षण के प्रति लापरवाह हैं। खासकर कानपुर से लेकर वाराणसी तक। इस खंड में औद्योगिक और घरेलू अपशिष्ट बिना शोधन के इस पावन नदी में डाल दिए जाते हैं जो पारिस्थितिकी, पर्यावरण एवं खुद नदी को नुकसान पहुंचाते हैं।

माता अमृतानंदमयी की उनके योगदान को लेकर सराहना करते हुए जेटली ने कहा, इससे दुनियाभर में संदेश जाएगा कि जो इस उद्देश्य के प्रति कटिबद्ध हैं, वे योगदान करेंगे। उन्होंने कहा, यह महज सरकार का योगदान नहीं है,जो बजट से जाएगा, यह एक अभियान है जो सरकारी अभियान से ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है।