Nipah Virus in Kerala, Nipah Virus Symptoms, Nipah Virus Treatment, Disease, Prevention, Causes in Hindi: केरल के कोझीकोड और मालापुरम जिले में Nipah Virus के चलते 2 सप्ताह में 11 लोगों की मौत हो चुकी है। पुणे विरोलॉजी इंस्टीट्यूट ने दो ब्लड सैंपल्स की जांच के बाद उनमें Nipah Virus होने की बात कही है। केरल के कोझीकोड जिले में Nipah Virus से तीन लोगों की मौत के मामले की जांच के लिये केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गठित चिकित्सकों के एक उच्च स्तरीय दल को वहां भेजा गया है। मंत्रालय ने नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के निदेशक के नेतृत्व में एक मल्टी डिसिप्लीनरी टीम का गठन किया है।
क्या है Nipah (NiV) Virus : यह एक ऐसा इंफेक्शन है जो फ्रूट बैट्स के जरिए मनष्यों के अलावा जानवरों को भी अपनी चपेट में ले लेता है। सबसे पहले साल 1998 में पहली बार मलेशिया के कांपुंग सुंगई निफा में इसके मामले सामने आए थे। यह इंफेक्शन सबसे पहले सुअरों में देखा गया लेकिन बाद में यह वायरस इंसानों तक भी पहुंच गया। साल 2004 में बांग्लादेश में इंसानों पर Nipah Virus ने हमला करना शुरू किया।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो यह Nipah Virus खजूर की खेती करने वाले लोग फ्रूट बैट की चपेट में आ जाते हैं जिससे एक शख्स से दूसरे शख्स में यह वायरस फैलता है। निफा वायरस के शुरुआती दौर में पीड़ित शख्स को सांस लेने की दिक्कत के साथ इंसेफ्लाइटिस जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस बीमारी से पीड़ित शख्स को इंटेंसिव सपोर्ट केयर के जरिए देखभाल की जाती है।
Nipah Virus (NiV) के लक्षण : इससे पीड़ित लोगों के ब्रेन में सूजन आ जाती है। बुखार, सिरदर्द, उल्टी और चक्कर आना भी इस इंफेक्शन के लक्षण हैं। इस वायरस से पीड़ित व्यक्ति कोमा में जा सकता है और उसकी मौत भी हो सकती है। यह इंफेक्शन इतना खतरवाक है कि इससे पीड़ित व्यक्ति 24 से 28 घंटों में कोमा में पहुंच सकता है।
Nipah Virus से बचाव : इस वायरस से बचाव के लिए रिबावायरिन नामक दवाई का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने वाला इंफेक्शन है इसलिए इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनानी चाहिए या अधिक सावधानी बरतने से ही इस खतरनाक वायरस से बचा जा सकता है।


यह वायरस सीधे ब्रेन पर हमला करता है। इसकी जान लेने की क्षमता 75 फीसदी से 100 फीसदी के बीच है। एच1एन1 की तरह यह वायरस भी पर्यावरण के हिसाब से खुद को एडजस्ट या परिवर्तित कर लेता है।
निपाह वायरस फ्रूट बैट्स की वजह से फैलता है जिससे मनुष्य व जानवर दोनों संक्रमित हो सकते हैं। कोझिकोड जिले के पेरामबरा में इस वायरस की वजह से दो भाई और उसकी चाची की कुछ ही हफ्तों में मौत हो गई और आठ अन्य का इलाज चल रहा है।
निपाह वायरस के बढ़ते मामले और इससे हुई मौत को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा ने सभी तरह की सहायता का आश्वासन दिया और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल की बहु-विषयक टीम को तत्काल जिले का दौरा करने के निर्देश दिए। नड्डा ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री अल्फोंस कन्नाथानम और केरल के स्वास्थ्य मंत्री के. शैलेजा से भी बात की है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सुदन ने भी केरल के मुख्य स्वास्थ्य सचिव से बातचीत की और स्थिति की समीक्षा की है।
केंद्र सरकार ने केरल में निपाह वायरस (एनआईवी) की वजह से तीन लोगों की मौत और इस वायरस से संक्रमित आठ रोगियों के सघन जांच में होने के बाद सोमवार को राज्य को हरसंभव मदद मुहैया कराने का भरोसा देते हुए एक टीम को इसकी जांच के लिए केरल भेजा। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा ने जेनेवा से एक बयान जारी कर कहा, "हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। मैंने राज्य सरकार की सहायता और जरूरी कदम उठाने के लिए एक टीम को वहां भेजा है।"
राज्य सरकार ने कोझिकोड चिकित्सा महाविद्यालय के लिए 20 लाख रुपये का आपात कोष जारी किया है, ताकि वर्तमान बुखार से निपटा किया जा सके। जागरूकता कार्यक्रम शुरू कर दिए गए हैं और भारतीय चिकित्सा संघ व निजी अस्पतालों के चिकित्सा दल तैयार किए जा रहे हैं।
कोझीकोड़ के जिलाधिकारी ने निपाह वायरस के चलते 6 लोगों की मौत की पुष्टि की है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया , ‘‘स्वास्थ्य मंत्रालय ने चिकित्सकों के एक उच्च स्तरीय दल के गठन का निर्देश दिया है और चुनी हुई टीम केरल पहुंच गई है। इस बात का संदेह है कि चमगादड़ से विषाणु का प्रसार हो रहा है।’’ बता दें कि इससे पहले साल 1998 और 2004 में भी Nipah Virus के मामले सामने आए थे।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार, मंत्रालय ने सभी जरूरी कदम उठाए हैं। मंत्री के अनुसार, वायरल सीधे संपर्क, स्पर्श या शरीर के द्रवों के जरिए फैल रहा है।
डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट के अनुसार एनआईवी (निपाह वायरस) से सुअरों और अन्य घरेलू जानवरों में भी बीमारी हो सकती है। अभी न तो मनुष्य और न ही पशुओं के उपचार के लिये इसका टीका विकसित हुआ है। मनुष्य के मामलों में इसका प्राथमिक उपचार इंटेंसिव सपोर्टिव केयर (सघन सहायक देखभाल) के जरिये किया जा सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, निपाह वाइरस से मनुष्य में कई बिना लक्षण वाले संक्रमण से लेकर एक्यूट रेस्पीरेटरी सिंड्रोम और प्राणघातक इन्सैफेलाइटिस तक हो सकता है। कोझीकोड स्वास्थ्य विभाग तीन व्यक्तियों की मौत के मद्देनजर हालात पर निगरानी रख रहा है। मृतकों के संपर्क में आए दो और लोगों की हालत गंभीर मानी जा रही है।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री शैलजा ने बताया, "निपाह वायरस के कारण मृत हुए साबिथ और उसके भाई के घर पर स्वास्थ्य अधिकारी गए और उन्होंने पाया कि उनके घर में एक कुंआ था, जिसका उपयोग नहीं किया जाता था, लेकिन उसमें बहुत से चमगादड़ भरे पड़े थे।" उन्होंने कहा, "अधिकारियों ने कुएं के ऊपरी हिस्से को बंद कर दिया, ताकि बचे हुए चमगादड़ बाहर न आएं।"
Nipah Virus चमगादड़ों से फैलता है। इससे जानवर और इंसान दोनों प्रभावित होते हैं। इस वायरस से कुछ ही सप्ताह के भीतर पीरमबाड़ा में दो भाइयों और उनकी एक रिश्तेदार की मौत हुई है, जबकि आठ अन्य लोग चिकित्सा निगरानी में हैं। संक्रमित चमगादड़ों, सुअरों और एनआईवी से ग्रस्त लोगों के साथ सीधे तौर पर संपर्क में आने से एनआईवी फैल रहा है।
केरल में निफा वायरस (एनआईवी) से तीन लोगों की मौत की पुष्टि होने के बाद राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा ने सोमवार को कहा कि हालात काबू में हैं और डरने की कोई बात नहीं है। अभी आठ अन्य मरीजों की रिपोर्ट आनी बाकी है। उन्होंने कहा, "कोझिकोड चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के सभी उपनगरीय अस्पताल इस बुखार से सामना करने के लिए पूरी तरह उपकरणों से लैस हैं। जिन लोगों को बुखार है, उन्हें चिकित्सा महाविद्यालय में भीड़ लगाने की जरूरत नहीं है।" शैलजा ने कहा, "इस वक्त आठ मरीजों का इलाज चल रहा है। उनके नमूने पुणे भेज दिए गए हैं और नतीजे आने बाकी हैं।"
स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक Nipah Virus से पीड़ित लोगों के पास जाने या उन्हें छूने वाले लोगों की भी लिस्ट तैयार की गई। उन लोगों को सावधानी से अलग किया गया है। इसके अलावा जो लोग मरीजों के पास तक गए हैं उन लोगों के लिए भी अस्पतालों में अलग वार्ड बनाने के लिए कहा गया है।
साल 2001 से 2007 तक Nipah Virus इंफेक्शन के करीब 71 मामले में सामने आए थे। जिनमें 50 लोगों की मौत हुई थी। ये सभी मामले बांग्लादेश से सटे हुए पश्चिम बंगाल में सामने आए थे।
केरल के कालीकट जिले में 11 लोगों की मौत हुई है जिसमें से 2 की मौत Nipah Virus की वजह से हुई है। इसी के साथ केरल में Nipah Virus से मरने वालों की कुल संख्या 3 हो गई है। इसके अलावा बाकी 8 लोगों के ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं।Nine people have died in Calicut district following high fever. Health dept confirmed that out of nine,two persons were affected with Nipah virus. The samples of the other deceased have been sent for tests. A task force has been formed under District Collector U V Jose #Kerala— ANI (@ANI) May 21, 2018
केरल में निफा वायरस से बचाव और सहायता के लिए डॉक्टर्स की एक टीम तैयार की है। यह टीम नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल यानी एनसीडीसी के तहत काम करेगी।
After reviewing #NIPHAVirus situation, Union Health Min JP Nadda directed to constitute a high level team of doctors. Team under National Centre for Disease Control (NCDC) director has reached Kerala. Ministry of Health & Family Welfare is in close touch with Kerala Health dept pic.twitter.com/biSTC3taE2— ANI (@ANI) May 21, 2018
केरला में Nipah Virus की वजह से मरने वालों की संख्या 7 हो गई है। इसमें कोझीकोड जिले के एक गांव में तीन लोगों की मौत हो गई है। तीनों मृतक एक ही परिवार के सदस्य थे। इसके अलावा कोझीकोड जिले के अस्पतालों में निपाह इंफेक्शन से पीड़ित 10 लोगों का इलाज चल रहा है।
Nipah Virus इंसानों से इंसानों में फैलने वाला वायरस है, इसलिए इस वायरस से पीड़ित व्यक्ति का इलाज करने वाले डॉक्टर्स और देखभाल में लगे कर्माचरियों को सावधानियां बरतने के लिए कहा गया है। इसके अलावा जिस लैब में जांच के लिए ब्लड सैंपल लिए जा रहे हैं उन्हें भी सावधानी से काम करने की जरूरत है।