मोदी सरकार के वादों के उलट श्रम कार्यालय के सरकारी सर्वे ने सबको हैरान कर दिया है। इसके ताजा आंकड़ों के मुताबिक इस तिमाही में नौकरी मिलने के अवसर पिछले सालों में सबसे कम हुए हैं। देश में नौकरी के अवसर कितने बढ़े और कितने कम हुए इसके लिए 2009 में पहली बार इस प्रकार का सर्वे किया गया था।

फिलहाल यह सर्वे 8 सेक्टर्स पर किया गया। इसमें टेक्सटाइल, लेदर, मेटल, ऑटोमोबाइल और जूलरी आदि शमिल थे। इनकी 1,932 यूनिट का अध्यन करने पर पता लगा कि जहां 2013 में 4.19 लाख नौकरियां निकली थीं, वहां आंकड़ा 2014 में 4.21 लाख पहुंचा, पर 2015 में वह 1.35 लाख पर ही अटक गया। यह आंकड़े इसलिए हैरान कर देने वाले हैं क्योंकि हर महीने लगभग 10 लाख नौजवान नौकरियों की तलाश में मार्केट में उतर आते हैं।

IT/BPO फायदे में: इस तिमाही के डाटा से पता लगा है कि आईटी और बीपीओ सेक्टर के हालात बाकियों के मुकाबले काफी ठीक हैं। पिछली चार तिमाही यानी एक साल में इस सेक्टर में नौकरी के अवसर मजदूर प्रधान 8 सेक्टर से ज्यादा रहे।

इंडिया रेटिंग के प्रमुख अर्थशास्त्री डीके पंत ने कहा, ‘भूमि अधिग्रहण के विवाद के अलावा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मांग में आई कमी की वजह से किसी भी इंवेस्टर के लिए पैसा लगा पाना कठिन हो रहा है।’

india economy, india jobs, modi govt
साल 2015 में सबसे ज्यादा विदेशी निवेश सर्विस सेक्टर में हुआ।
india economy, india jobs, modi govt

जून 2014 से सितंबर 2015 तक IT/BPO में सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर रहे।