केंद्र के युवा एवं खेल मंत्रालय के तहत आने वाले स्वायत्तशासी संस्थान नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) के एक जॉइंट डायरेक्टर ने दो आधिकारिक पत्र लिखकर अपने सीनियर पर “सांप्रदायिक, भेदभाववाली और विभाजनकारी मानसिकता” रखने का आरोप लगाया है। युवा मामले के विभाग के जॉइंट सेक्रेटरी एलके गुप्ता को भेजे गये ईमेल में जॉइंट डायरेक्टर एम आतिफ ने एनवाईकेएस के डायरेक्टर मेजर जनरल दिलावर सिंह पर आरोप लगाया है कि “उन्होंने एक बैठक के दौरान कहा कि उसका (अतीफ) दिल केवल धार्मिक लाइन पर धड़कता है।”
नौ जनवरी 2017 को भेजे ईमेल में आतिफ ने लिखा है, “अपने पेशेवर जीवन में मैंने अपने किसी सीनियर के मुंह से ऐसी सांप्रदायिक टिप्पणी नहीं सुनी थी।” शिकायतों के बारे में पूछने पर आतिफ ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “मुझे इंसाफ की उम्मीद है। इसीलिए मैं इस मामले को आगे बढ़ा रहा हूं।” हालांकि जब दिलावर सिंह से आतिफ के आरोप के बारे में इंडियन एक्सप्रेस ने पूछा तो उन्होंने इससे साफ इनकार किया। सिंह ने कहा, “मैं इस्लाम और मुसलमानों का बहुत सम्मान करते हैं।”
आतिफ के आरोप के अनुसार नौ जनवरी को नेहरू युवा केंद्र की एक आधिकारिक बैठक में सिंह ने उनसे पूछा कि उन्होंने कल उनके टेक्स्ट मैसेज का जवाब क्यों नहीं दिया? सिंह ने आतिफ को एनवाईकेएस महाराष्ट्र के डायरेक्टर उपेंद्र ठाकुर को अस्पताल में भर्ती कराने के बारे में मैसेज किया था। आतिफ ने सिंह को जवाब दिया कि वो एक सामाजिक कार्यक्रम में व्यस्त थे। आतिफ के अनुसार उनके इस जवाब पर दिलावर सिंह ने कहा, “तुम्हारा दिल तो धार्मिक बीट धड़कता है।”
आतिफ के अनुसार दिलावर सिंह का आशय था कि जब एनवाईकेएस उत्तर प्रदेश के कर्मचारी हुस्नाजान की बीमारी का मसला था तो मैंने उनकी इलाज में मदद में मैं सक्रीय था जबकि श्री उपेंद्र ठाकुर में नहीं था। आतिफ ने अपने ईमेल में लिखा है कि वो जीवन में पहली बार ऐसी सांप्रदायिक, भेदभाववाली और विभाजनकारी मानसकिता का अनुभव किया है। आतिफ ने लिखा है, “मैं इसके खिलाफ हूं और अपनी आपत्ति दर्ज कराता हूं। मैं आहत हुआ हूं सर।”
आतिफ ने एक फरवरी को युवा मामलों के विभाग के सेक्रेटरी एके दुबे को एक पत्र लिखकर दिलावर सिंह को “शोषणकारी” और “तानाशाह” कहा है। आतिफ ने पत्र के साथ अपना जनवरी में लिखा ईमेल भी भेजा है। आतिफ ने आरोप लगाया है कि दिलावर सिंह बोर्ड के सदस्यों के आपसी संबंधों का सांप्रदायिकरण कर रहे हैं। आतिफ ने आरोप लगाया है कि सिंह ने हुस्नाजान की बीमार मां के इलाज के लिए अग्रिम भुगदान की स्वीकृति देने में जानबूझकर देरी की जिसकी वजह से अग्रिम भुगतान मिलने से पहले ही उनकी मां चल बसीं। आतिफ का आरोप है कि वहीं उपेंद्र ठाकुर के मामले में दिलावर सिंह लगातार उसकी निगरानी और मदद कर रहे हैं।
दिलावर सिंह ने आतिफ के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा है कि उन्होंने आतिफ और हुस्नाजान दोनों के मेडिकल अग्रिम भुगतान को उसी दिन इजाजत दे दी थी जिस दिन उनका आवेदन मेरे पास आया था। दिलावर सिंह ने कहा कि वो 35 साल सेना में रहे हैं और मुस्लिम जवानों और आम नागरिकों के साथ काम किया है। दिलावर ने कहा कि उन्होंने कुरान पढ़ी है और जम्मू-कश्मीर में इज्तमा का आयोजन किया है। दिलावर ने कहा कि मैंने मस्जिद बनवायी है और इस्लाम के बारे में तकरीर भी की है।दिलावर ने भी 15 मार्च को दुबे को पत्र लिखकर कहा कि आतिफ के उन पर लगाए आरोप गलत हैं। दिलावर सिंह के नजदीकी सूत्र के अनुसार आतिफ पर साल 2003 में मध्य प्रदेश में तैनाती के दौरान वित्तीय गड़बड़ी के आरोप लग चुके हैं इसलिए उनकी शिकायत निहित स्वार्थों से प्रेरित है। आतिफ के अऩुसार उन्हें जांच में क्लीन चिट मिल गयी थी।