भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) अपने कर्मियों की मदद के लिए 162 कुत्तों का एक दस्ता तैयार कर रहा है। पहली बार इस प्रकार की पहल की गई है। उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और चेन्नई में आयी बाढ़ एवं पिछले साल नेपाल में आये भूकंप के बाद बचाव अभियान में शामिल रही एनडीआरएफ ने इस कार्य को ‘मिशन मोड’ में शुरू किया है। एनडीआरएफ अपने अर्बन सर्च एंड रेस्क्यू (यूएसएआर) कार्यों के लिए 162 कुत्तों को प्रशिक्षित कर रहा है।
एनडीआरएफ के निदेशक जनरल ओ पी सिंह ने पीटीआई को बताया ‘‘आम तौर पर जो कुत्ते पुलिस में रहते हैं और जो ट्रैकर कुत्ते होते हैं, उनसे ये अलग हैं। इनके पास मलबे में सूंघकर यह पहचान लेने की क्षमता है कि उसके नीचे कोई दबा है।’’ डीजी ने कहा कि चूंकि इस दिशा में एनडीआरएफ की जरूरत बहुत व्यापक है ऐसे में उसने खुद से इन विशेष श्रेणी के कुत्तों को प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी ली है। इन लैब्रेडोर और जर्मन शेफर्ड कुत्तों को प्रशिक्षित करने के लिए एनडीआरएफ ने पांच स्थानों को चिन्हित किया है।
162 कुत्तों को ट्रेनिंग दे रहा है एनडीआरएफ, जानिए क्यों
उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और चेन्नई में आयी बाढ़ एवं पिछले साल नेपाल में आये भूकंप के बाद बचाव अभियान में शामिल रही एनडीआरएफ ने इस कार्य को ‘मिशन मोड’ में शुरू किया है।
Written by जनसत्ता ऑनलाइन
नई दिल्ली

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First published on: 07-02-2016 at 18:25 IST