Turkey Earthquak: तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप के बाद मरने वालों की तादाद 40 हजार के पार हो चुकी है। भूकंप प्रभावित शहरों में हजारों घर उजड़ गए हैं। तुर्की में 6 फरवरी को आए भूकंप के बाद दुनियाभर से मदद की पेशकश हुई । तुर्की की मदद को आगे आए देशों की पहली फहरिस्त में भारत का भी नाम दर्ज था। भारत के इस कदम को ‘ऑपरेशन दोस्त’ कहा गया।

भारत न एनडीआरएफ़ की टीम भेजी और मदद पहुंचाई। कई मौकों पर ऐसे वीडियोज़ सामने आए जिनमें तुर्की के लोग भारत की इस मदद का शुक्रिया करते हुए नजर आए हैं। एनडीआरएफ की टीम अब भारत लौट आई है। तुर्की के एयरपोर्ट से रवाना हो रहे भारतीय जवानों को वहां मौजूद लोगों ने तालियां बजकर सम्मान दिया।

हम वापस लौट आए हैं

तुर्की में आए भूकंप के बाद भारत की ओर से भेजी गयी एनडीआरएफ़ की टीम ने भूकंप प्रभावित कई इलाकों में राहत कार्य किया। अब यह टीम भारत लौट आयी है। एनडीआरएफ़ की सब -इंस्पेक्टर ने भारत लौट कर एक बयान दिया है।

सब -इंस्पेक्टर शिवानी अग्रवाल ने कहा “मेरी पूरी टीम वापस आ गई है। टीम में पांच महिलाएं भी शामिल हैं। भूकंप ने तुर्की को तबाह कर दिया है और स्थिति बहुत गंभीर है। हमने प्रभावित लोगों की मदद करने और उन्हें भावनात्मक रूप से समर्थन देने के लिए एक टीम के रूप में काम किया।

तुर्की के लोगों ने कहा “इस मदद को कभी नहीं भूलेंगे”

भारत सरकार की ओर से की गयी इस मदद की दुनियाभर में सराहना हुई है। तुर्की के लोगों ने भारत लौट रही टीम को तालियां बजाकर सम्मानित किया है। इस ऐतिहासिक पल के कुछ वीडियोज़ भी सामने आए हैं। लेफ्टिनेंट कर्नल सिंह ने भी तुर्की के लोगों को लेकर कहा कि स्थानीय आबादी की प्रतिक्रिया हमारे लिए बहुत ज्यादा थी।

उन्होंने बताया, “एक युवक जिसने हमें काम करते हुए और लोगों की सहायता करते हुए देखा, उसने मुझसे कहा कि वह हमेशा हमारे देश को याद रखेगा। पास के अस्पताल के एक और डॉक्टर ने सोचा कि उनके सभी मरीजों ने हमें क्यों चुना। यह एक मिश्रित अहसास था। हम शर्मिंदा और खुश थे। ऐसे शब्द हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देते रहते हैं।”