नेशनल कॉन्‍फ्रेंस के सदस्‍य रहे इफ्तिखार मिसगर ने पार्टी छोड़ दी है। इफ्तिखार ने जून में मुख्‍यमंत्री महबूबा मुफ्ती के खिलाफ अनंतनाग से दावेदारी पेश की थी, लेकिन वे चुनाव हार गए थे। उन्‍होंने पार्टी से इस्‍तीफा तब सौंपा, जब उनके घर पर भीड़ में हमला करने की कोशिश की। मिसगर ने कहा कि अब उनका मुख्‍य धारा की राजनीति से कोई लेना-देना नहीं रह गया है, अब वे ‘अलगाववादी आंदाेलन’ के लिए काम करेंगे। कश्मीर घाटी में 8 जुलाई को आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से तनाव बना हुआ है। हुर्रियत के कट्टरपंथी सैयद अली शाह गीलानी ने घाटी के सभी प्रो-भारत राजनीतिज्ञों को जम्‍मू कश्‍मीर का असली दुश्‍मन बताया है। गीलानी ने कहा, ‘इन धोखेबाजों में इस मुल्‍क का एक लंबा आदमी शामिल है, इस इलाके में 1947 के बाद से जितना भी खून-खराबा हुआ है, वह उसी व्‍यक्ति की वजह से हुआ है जिसने कश्‍मीर के सीधे-सादे लोगों को धोखा दिया है।”

राज्‍य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रविवार को कहा कि ‘जंग से कुछ हासिल नहीं होता। बातचीत ही हर समस्‍या का एकमात्र हल है। जो लोग हिंसा के लिए बच्चों का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह जरूर बताएं कि उन्हें कौन सा कश्मीर चाहिए? जहां मोटरसाइकिलों पर दंगा करते नौजवान स्कूटी पर चलने वाली लड़कियों को जिंदा जलाने की धमकी देते हैं ? या फिर दस साल का बच्चा 70 साल के बुजुर्ग को पीटता है। भारत-पाक के बीच जंग हुई, लेकिन हासिल कुछ नहीं हुआ। एक मुल्क ने जंग जीती, लेकिन जमीन का टुकड़ा नहीं मिला। जमीन के टुकड़े को जब आप जंग से नहीं ले सके तो अब हड़ताल और पथराव से क्या मिलेगा।’