नोटबंदी के मुद्दे पर पहले से तैयारी नहीं करने की सरकार की आलोचना करने वालों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (25 नवंबर) को कहा कि वास्तव में ऐसे लोगों को इस बात की पीड़ा है कि उन्हें खुद किसी तरह की तैयारी का समय नहीं मिला। नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष की ओर से सरकार पर हमला तेज किये जाने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर इन लोगों को 72 घंटे का वक्त मिल जाता तो वे प्रशंसा करते। यहां एक पुस्तक विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को अमान्य करने के फैसले की बहुत कम आलोचना हुई है। उन्होंने कहा, ‘लेकिन कुछ लोग अब भी आलोचना कर रहे हैं कि सरकार ने पूरी तैयारी नहीं की। मेरा मानना है कि मुद्दा यह नहीं है कि सरकार ने पूरी तैयारी नहीं की थी। बल्कि मुझे लगता है कि ऐसे लोगों को इस बात की पीड़ा है कि सरकार ने उन्हें किसी तैयारी का मौका नहीं दिया।’ मोदी ने कहा, ‘अगर इन लोगों को तैयारी करने के लिए 72 घंटे मिल जाते तो वे तारीफ करते कि मोदी जैसा कोई नहीं है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दिनों देश भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ रहा है और इस लड़ाई में आम नागरिक एक ‘सैनिक’ है। उन्होंने कहा कि पिछले 70 साल में कानूनों और संविधान का दुरुपयोग करने वालों ने देश को भ्रष्टाचार में डुबो दिया है। वैश्विक भ्रष्टाचार सर्वेक्षणों में भारत का नाम प्रमुखता से आने को गर्व नहीं करने की बात बताते हुए उन्होंने कहा, ‘देश का नाम ऊंचा करने के लिए कुछ फैसले लेने होंगे।’ प्रधानमंत्री के ये बयान गुरुवार (24 नवंबर) को राज्यसभा में नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष के तीखे हमले की पृष्ठभूमि में आये हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को उच्च सदन में कहा था कि सरकार का यह कदम ‘संगठित और कानूनी लूट-खसोट’ है। डिजिटल लेनदेन पर जोर देते हुए मोदी ने कहा, ‘सभी को अपने धन का इस्तेमाल करने का अधिकार है और कोई उन्हें नहीं रोकता। यह जरूरी नहीं है कि आपके पास नकदी हो क्योंकि डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल करके भी लेनदेन किया जा सकता है।’
उन्होंने कहा कि मोबाइल से खरीदारी करना व्हाट्सएप संदेश भेजने की तरह ही आसान है। मोदी ने कहा, ‘हमें पारदर्शिता लाने के लिए ट्रांजेक्शन में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को बढ़ावा देना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि करीब 500 शहर छोटी सी अवधि में यह काम कर सकते हैं। प्रधानमंत्री के मुताबिक नोटबंदी के बाद नगर निगमों ने 13000 करोड़ रुपए का कर एकत्रित किया है। उन्होंने कहा, ‘मुझे कुछ शहरों के नगर निगमों के बारे में जानकारी मिली है। पहले वे 3000 से 3500 करोड़ रुपए कर वसूलते थे और आठ नवंबर के बाद उन्होंने 13000 करोड़ रुपए कर वसूली की है। इस पैसे का इस्तेमाल सड़कों के निर्माण और बिजली आपूर्ति जैसे विकास कार्यों के लिए किया जाएगा।’ मोदी दो पुस्तकों के विमोचन के मौके पर संबोधित कर रहे थे। इनमें ‘अपडेटेड एडिशन ऑफ कांस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया’ और ‘मेकिंग ऑफ द कांस्टीट्यूशन’ हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान के अनेक अनुच्छेदों के बारे में केवल जानकारी रखने के बजाय ‘संविधान की भावना’ से जुड़े रहना महत्वपूर्ण है। उन्होंने युवा पीढ़ी के संविधान और उसके आदर्शों से जुड़ाव होने के महत्व पर भी जोर दिया।