सरकार ढाई साल पूरा होने के करीब पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले शुक्रवार (26 अगस्त) को अपने मंत्रियों के साथ बैठक की। मोदी ने सपाट लहजे में कहा कि वह योजनाओं की प्रोग्रेस रिपोर्ट नहीं देखना चाहते हैं, बल्कि यह जानना चाहते हैं कि विभिन्न विभागों द्वारा परिवर्तन के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जा रही है। उन्होंने मंत्रालयों से आम जनता तक योजनाओं के फायदे प्रभावी रूप से पहचाने पर बल दिया। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने यह बात उस वक्त कही, जब नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने 180 स्लाइड्स का एक विस्तृत प्रजेंटे शन दिया। इसमें पिछले तीन बजट में मंत्रालयों द्वारा विभिन्न योजनाओं और घोषणाओं की प्रगति रिपोर्टों के आधार पर कंपाइल किए गए एक्शन प्लान की प्रोग्रेस रिपोर्ट दी गई थी। सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने टोकते हुए कहा कि वह प्रोग्रेस रिपोर्ट में दिलचस्पी नहीं रखते, बल्कि विभिन्न मंत्रालयों द्वारा बदलाव लाने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानना चाहते हैं।
अगले दिन पीएमओ ने विभिन्न मंत्रालयों के सचिवों को फोन कर बताया कि प्रधानमंत्री बदलाव वाले विचारों पर फोकस कर रहे हैं। जिसके बाद, कई मंत्रालयों के सचिवों ने बैठक कर अपने-अपने मंत्रालय के बदलाव लाने वाले विचारों को लेकर रिपोर्ट फाइनल की। सोमवार को ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव ने अपने अधिकारियों के साथ बैठक की, इसी तरह अन्य विभागों में भी बैठक की खबर सूत्रों के हवाले से मिल रही है। प्रधानमंत्री ने 26 अगस्त को केन्द्रीय मंत्रियों की बैठक बुलाई थी। इससे पहले प्रधानमंत्री ने भारत सरकार के सभी सचिवों को उनकी पहली पोस्टिंग वाली जगह पर जाने और वापस लौटकर तबसे आए बदलावों के बारे में रिपोर्ट देने को कहा था। जब सचिवों ने स्टेटस रिपोर्ट सौंपी, तो सचिवों के एक समूह को सलाह देने के लिए गठित किया गया है। उनके सुझावों के आधार पर, विभिन्न विभागों के एक्शन प्लान बनाए गए क्योंकि प्रधानमंत्री का जोर ‘बदलाव’ लाने पर है।

