शेक्सपियर ने कहा था कि नाम में क्या रखा है। हां, ये बात और है कि ये बात लिखने के बाद नीचे सिग्नेचर करते वक्त उन्होंने अपना ही नाम लिखा था… अब लगता है कि इक्कीसवीं सदी में भारत के प्रधानमंत्री या फिर यूं कहें प्रधान सेवक नरेन्द्र मोदी और उनकी पार्टीवालों ने शेक्सपीयर की कही बातों को कुछ ज्यादा ही सीरियसली ले लिया है…तभी तो सड़क, शहर, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और यहां तक की स्पोर्ट्स स्टेडियम के नाम ताबड़तोड़ बदले जा रहे हैं…पहले अपनों के नाम पर और अब खुद अपने नाम पर
अभी मोटेरा स्टेडियम का नाम सरदार पटेल की जगह नरेन्द्र मोदी के नाम पर कर दिया गया है। ये बाद और है कि पूरे स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स परिसर का नाम अब भी सरदार पटेल स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स ही रहेगा…मगर नाम बदलने पर जो बवाल होना था, वो तो हो ही गया… ठीक ऐसा ही विवाद लखनऊ के इकाना स्टेडियम का नाम बदलने पर भी हुआ था क्योंकि इकाना भगवान विष्णु का एक नाम है…ऐसे में बीच का रास्ता निकाला गया और भगवान विष्णु को अटल जी के बाद एडजस्ट करते हुए स्टेडियम का नाम रखा गया– भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई इकाना स्टेडियम
जब नाम बदलने के इस हथौड़े से भगवान विष्णु और सरदार पटेल के नाम नहीं बच पाए तो भला मुगल बादशाह किस खेत की मूली हैं। शुरुआत देश की राजधानी दिल्ली से हुई और लुटियंस ज़ोन की पॉश सड़क औरंगजेब रोड का नाम बदल कर पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर कर दिया गया…विवाद उठा तो सवाल उठा दिया गया कि देश को औरंगजेब चाहिए या एपीजे अब्दुल कलाम… फिर क्या था, मुगलों के सबसे ताकतवर बादशाह के बाद पूरी की पूरी मुगल डाइनेस्टी ही निशाने पर आ गई और वाराणसी के नजदीक बने मशहूर मुगल सराय स्टेशन का नाम भी मुगलों की तरह इतिहास बन गया…अब ये स्टेशन पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से जाना और पहचाना जाता है।
अब रेलवे स्टेशनों के नाम बदले तो भला एयरपोर्ट कैसे अछूते रहते। अगरतला एयरपोर्ट का नाम महाराजा बीर बिक्रम एयरपोर्ट और मुंबई के छत्रपति शिवाजी इंटरनेशन एयरपोर्ट का नाम सुधार कर छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट कर दिया गया…उधर यूपी में मोदी जी की ही पार्टी के सीएम योगी आदित्यनाथ तो नाम बदलने में कहीं आगे नजर आए…पहले आनन–फानन में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया गया और जब इतने भर से संतुष्टि नहीं मिली तो 2019 के अर्द्ध कुंभ को ही कुंभ का नाम दे डाला।
ऐसा नहीं है कि नाम बदलने की कला सिर्फ नरेन्द्र मोदी और बीजेपी वालों को आती है…यूपीए सरकार के दौरान भी ना जाने कितनी जगहों के नाम बदले गए। लखनऊ का अमौसी एयरपोर्ट 2008 में चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट बन गया और राजासांसी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, अमृतसर अब श्री गुरु राम दास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट कहा जाने लगा।
स्वतंत्र भारत में साल 1950 में सबसे पहले पूर्वी पंजाब का नाम पंजाब रखा गया।1956 में हैदराबाद से आंध्रप्रदेश, 1959 में मध्यभारत से मध्यप्रदेश नामकरण हुआ। सिलसिला यहीं नहीं खत्म हुआ। 1969 में मद्रास से तमिलनाडु, 1973 में मैसूर से कर्नाटक, इसके बाद पुडुचेरी, उत्तरांचल से उत्तराखंड, 2011 में उड़ीसा से ओडिशा नाम किया गया। लिस्ट यहीं खत्म नहीं होती।
मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, शिमला