मशहूर लेखिका तस्लीमा नसरीन ने खुले में नमाज पढ़ने के मुद्दे पर ट्वीट कर ताजा बयान दिया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा- ”नमाज मस्जिद या ईदगाह में पढ़नी चाहिए। यह समझ में आता है। यह दूसरे पूजा करने वालों के लिए भी लागू होना चाहिए। बता दें कि पिछले दिनों हरियाणा के गुरुग्राम में खुले में नमाज पढ़े जाने के विरोध की घटनाएं सामने आई थीं, जिसमें पुलिस की तरफ से कार्रवाई भी की गई थी। मामला गरमाने के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस मामले पर चुप्पी तोड़ते हुए बयान दिया था। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक सीएम खट्टर ने कहा था- ”कानून और व्यवस्था बनाए रखना हमारा कर्तव्य है। खुले नमाज की चलन में इजाफा देखा गया है। सार्वजनिक स्थानों की बजाय नमाज मस्जिदों या ईदगाहों में पढ़ी जानी चाहिए।” हालांकि सोमवार (7 मई) को सीएम खट्टर की तरफ से इस बयान को और स्पष्ट किया गया, जिसमें कहा गया कि अगर कोई नमाज पढ़ने में दिक्कत पैदा करता है तो उसके खिलाफ प्रशासन कार्रवाई करेगा। वहीं सोमवार को ही खट्टर सरकार में मंत्री अनिल विज ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए इसके एक और पहलू शिकायती रुख अपनाते हुए ध्यान खींचा। अनिल बिज ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा- ”कभी-कभार अगर किसी को पढ़नी पड़ जाती है तो धर्म की आजादी है। लेकिन किसी जगह को कब्जा करने की नीयत से नमाज पढ़ना गलत है। उसकी इजाजत नहीं दी सकती।”
Namaz should be offered at mosque and Eidgah. Makes sense. Should be applicable for other worshipers too. Blocking public places not good. pic.twitter.com/cs76oKVFf6
— taslima nasreen (@taslimanasreen) May 6, 2018
बता दें कि पिछले हफ्ते शुक्रवार (5 मई) को गुरुग्राम में कुछ हिंदूवादी संगठनों के द्वारा कथित तौर पर शहर के कई इलाकों में खुले में अता की जा रही नमाज में बाधा पहुंचाने की खबरें आई थीं। चश्मदीदों के मुताबिक हिंदूवादी संगठनों ने ‘जय श्री राम’ और ‘बांग्लादेशी वापस जाओ’ जैसे नारे लगाकर नमाज में कथित बाधा पैदा की थी जिससे तनाव की स्थिति बन गई थी। जिन इलाकों में ऐसी घटनाओं की बात की कही गई थी, उनमें शहर के व्यस्त इलाके इफको चौक, उद्योग विहार, लेजर वैली पार्क और एमजी रोड आदि शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ जगहों पर कॉर्पोरेट कर्मचारियों को नमाज पढ़ने के लिए सुरक्षा के भारी इंतजामात करने पड़े थे। कहा जा रहा है कि शुक्रवार को गुरुग्राम में अंजाम दी गई ऐसी घटनाओं की तैयारियां उसके महीने भर पहले से चल रही थीं। मीडिया खबरों के मुताबिक पिछले महीने 6 अप्रैल को सेक्टर 43 के ग्राउंड में वजीराबाद गांव के कुछ लोगों ने नमाज पढ़े जाने पर विरोध जताया था। मामले की शिकायत सेक्टर 53 के पुलिस थाने में की गई थी, जिसके बाद पुलिस ने 6 लोगों को दबोचा था।
Occasionally agar kisi ko padhni pad jaati hai to dharm ki aazaadi hai.Lekin kisi jagah ko kabza karne ki niyat se namaaz padhna galat hai.Uski ijazat nahi di jaa sakti:Haryana Min Anil Vij on CM ML Khattar's statement that Namaz should be read in Mosques/Idgahs,not public spaces pic.twitter.com/hiV3LkcYvs
— ANI (@ANI) May 7, 2018
It is our duty to maintain law & order. There has been an increase in offering namaz in open. Namaz should be read in Mosques or Idgahs rather than public spaces: Haryana CM Manohar Lal Khattar on increase in the number of incidents of disrupting namaz in Gurugram pic.twitter.com/82ZQw6M2WN
— ANI (@ANI) May 6, 2018

