टमाटर की कीमतों में कोई सुधार नहीं आ रहा है। इससे लोगों को टमाटर लेने में काफी दिक्कत आ रही है। लोग काफी परेशान हैं। पिछले कई दिनों से टमाटर 100 रुपये से ऊपर की कीमत पर बिक रहा है। केंद्र सरकार ने बुधवार को नेशनल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन (NAFED) और नेशनल कोऑपरेटिव कन्ज्यूमर्स फेडरेशन (NCCF) को तुरंत आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र की मंडियों से टमाटर खरीदने का निर्देश दिया है। इन टमाटरों को दिल्ली-एनसीआर में बेचा जाएगा, जहां कीमतें पिछले एक महीने से रिकॉर्ड ऊंचाइयों पर हैं।
उपभोक्ता मंत्रालय विभाग ने एक बयान में कहा, “इस सप्ताह शुक्रवार से दिल्ली-एनसीआर के उपभोक्ताओं को फुटकर दुकानों पर घटे कीमतों पर टमाटर मिलने लगेगा।”
जरूरत वाले इलाकों की हो रही है पहचान
बयान में कहा गया है, “जिन इलाकों में टमाटर बेचा जाना है, उनकी पहचान पिछले एक महीने में खुदरा कीमतों में पूरी तरह से इजाफे के आधार पर की गई है, जहां मौजूदा कीमतें पूरे देश के औसत से ऊपर हैं। जिन राज्यों में ऐसे इलाके अधिक हैं, वहां अलग से इसको उपलब्ध कराया जाएगा।” विभाग ने कहा कि भारत में लगभग सभी राज्यों में टमाटर का उत्पादन किया जाता है, हालांकि हर राज्य में इसकी अलग-अलग मात्रा है।
बयान में यह भी कहा गया है, “अधिकतम उत्पादन भारत के दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों में होता है, जो पूरे भारत के उत्पादन में 56% -58% का योगदान देते हैं। दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों में जरूरत से ज्यादा टमाटर होने के कारण अन्य बाजारों को आपूर्ति कर देते हैं। अलग-अलग क्षेत्रों में उत्पादन मौसम भी अलग-अलग होता है। कटाई का चरम मौसम दिसंबर से फरवरी तक होता है। जुलाई-अगस्त और अक्टूबर-नवंबर की अवधि आम तौर पर टमाटर के लिए कम उत्पादन वाले महीने होते हैं।”
विभाग का कहना है कि जुलाई में मानसून का मौसम आने से वितरण संबंधी चुनौतियां बढ़ गई हैं। इससे टमाटर को लाने और ले जाने में घाटा अधिक होने से कीमतों में इजाफा हुई है। बयान में बताया गया है कि गुजरात, मध्य प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों के बाजारों में आने वाली मौजूदा आपूर्ति ज्यादातर महाराष्ट्र, खासकर सतारा, नारायणगांव और नासिक से है। इसमें कहा गया है कि ये आपूर्ति इस महीने के अंत तक रहने की उम्मीद है।