सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने अलग-अलग वकीलों के ज़रिए एक ही मामले का बार-बार बेंच के सामने रखने पर नाराजगी ज़ाहिर की है। सीजेआई की यह टिप्पणी उस वक़्त सामने आई जब वह मामलों की सुनवाई के लिए आज के दिन शुरुआत कर रहे थे और उनके सामने एक वकील ने खनन पट्टे की समाप्ति से जुड़ा मुद्दा रखा। चूंकि कल भी बेंच के सामने इस मामले को रखा गया था, सीजेआई ने कहा कि एक ही मामले को बार-बार सामने रखने का कल्चर खत्म होना चाहिए।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने क्या कहा?
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अलग-अलग वकीलों द्वारा बार-बार एक ही मामले को रखने का कल्चर रोका जाना चाहिए। लाइव लॉं के मुताबिक सीजेआई ने कहा,”अलग-अलग वकीलों द्वारा बार-बार एक ही मामले को रखने का कल्चर रुकना चाहिए। आप सभी बस मौका लेने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश के रूप में मेरे पास जो थोड़ा बहुत विवेक है, उसका इस्तेमाल कभी भी आपके पक्ष में नहीं किया जाएगा, क्योंकि इस अदालत को धोखा देने की कोशिश की जा रही है। तीन अलग-अलग वकील लाओ और देखो – जज पलक झपकाते हैं और आदेश ले लेते हैं – यही इस अदालत में हो रहा है और मैं ऐसा नहीं करूंगा। क्योंकि मेरी व्यक्तिगत विश्वसनीयता दांव पर है, इसलिए मैं लिस्टिंग में निरंतरता का पालन नहीं करता हूं।”
बिना आधार की बेसलेस याचिका से बचें
सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे परेशान करने वाले और बेसलेस आवेदनों को दाखिल करने की निंदा की है, जो निपटान में देरी का कारण बनते हैं और पेंडिंग मामलों की संख्या को बढ़ाते हैं।
जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि “अब समय आ गया है कि इस तरह की तुच्छ और परेशान करने वाली कार्यवाही पर कार्यवाही की जाए ताकि मामला रखने वाले लोग इस तरह के हथकंडों से बचें।”