देश में मुसलमानों के सबसे बड़े संगठन आल इंडिया मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बुधवार को होने वाली कार्यकारिणी समिति की बैठक में मुसलिम पर्सनल लॉ पर अमल को रोकने की कोशिशों से मुकाबले के लिए रणनीति बनाए जाने के साथ-साथ असहिष्णुता के खिलाफ आंदोलन की रूपरेखा भी तय की जाएगी।

बोर्ड की वर्किंग कमेटी के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने मंगलवार को कहा कि तनजीम की कार्यकारिणी समिति की बुधवार को अमरोहा में बैठक होगी। इस बैठक में अप्रत्यक्ष रूप से असहिष्णुता के मुद्दे पर भी बातचीत की जाएगी। उन्होंने कहा कि बैठक के मुख्य एजंडे में मुसलमानों को मुसलिम पर्सनल लॉ पर अमल से रोकने की कोशिशों के खिलाफ रणनीति बनाना खासतौर पर शामिल है।

मौलाना ने कहा कि बैठक में मुसलमानों को संविधान की ओर से दिए गए अधिकारों जिसके तहत वे मुसलिम पर्सनल लॉ पर अमल करते हैं, उनमें पैदा की जा रही रुकावटों का किस तरीके से मुकाबला करें और उन्हें दूर करने के लिए मुल्क के कानून के दायरे में रहकर कैसे संघर्ष किया जाए, इस पर बात की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए बैठक में ‘दीन और दस्तूर बचाओ तहरीक’ के नाम से चलाए जाने वाले आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी।

फरंगी महली ने बताया कि बैठक के दौरान बोर्ड की विभिन्न समितियों की रिपोर्ट भी पेश की जाएगी। मदरसों में यौन शोषण और ऐसी की कुछ अन्य आपत्तिजनक घटनाओं को लेकर बोर्ड की बैठक में विचार-विमर्श किए जाने की मीडिया रिपोर्टों को फिजूल और मदरसों को बदनाम करने की साजिश करार देते हुए उन्होंने कहा कि बोर्ड की बैठक में मदरसों के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाने की खबरें आ रही हैं। सवाल यह है कि क्या अब तक मदरसों का संचालन किसी नियम-कायदे के बिना हो रहा था।