पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी। इस हिंसा में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 18 पुलिसकर्मी घायल बताए जा रहे हैं। इस बीच कोलकाता हाई कोर्ट के निर्देश पर बंगाल में केंद्रीयबलों की तैनाती कर दी गई है। हिंसा प्रभावित इलाकों में केंद्रीय बलों की 8 टीम तैनात कर दी गई है। इस बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद अर्जुन सिंह ने बड़ा दावा किया है।

बंगाल के 9 जिलों की डेमोग्राफी बदल चुकी है- अर्जुन सिंह

अर्जुन सिंह ने समाचार एजेंसी IANS से बात करते हुए कहा, “बंगाल के नौ जिलों की डेमोग्राफी बदल चुकी है। बंगाल के नौ जिलों की डेमोग्राफी का कंट्रोल बांग्लादेशी क्रिमिनल्स के पास है, जो अब वहीं से संचालित करते हैं। बंगाल पुलिस के हाथ में बंगाल की कानून व्यवस्था नहीं है। केंद्र सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। केंद्र सरकार को जल्द बंगाल में धारा 355 और 356 को इंप्लीमेंट करना चाहिए।”

शुभेंदु अधिकारी का बड़ा आरोप

बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता सरकार पर कट्टरपंथी तत्वों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि 400 लोग पलायन करने को मजबूर हुए हैं और उन्होंने धुलियान से भागीरथी नदी पार कर मालदा में शरण ली है। बता दें कि शुभेंदु अधिकारी ने केंद्रीय बलों की मांग को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद कलकत्ता हाई कोर्ट ने मुर्शिदाबाद में अशांति को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया।

Murshidabad Violence: बैकफुट पर CM ममता, बीजेपी के गंभीर आरोप… मुर्शिदाबाद हिंसा में अब तक क्या-क्या हुआ

मुर्शिदाबाद में केंद्रीय बलों की तैनाती के बाद हिंसा तो थम गई है। हालांकि कई लोग शहर छोड़ कर जा चुके हैं। सांप्रदायिक हिंसा के बाद सैकड़ों लोगों ने भागीरथी नदी पार कर मालदा में शरण ली है। प्रशासन ने पलायन करने वाले और दंगा प्रभावित परिवारों के लिए आश्रय और भोजन की व्यवस्था की है। इसके अलावा उन्हें स्कूलों में शरण दी गई है। प्रशासन अलर्ट मोड पर है।

कैसे हुई बंगाल में हिंसा?

शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद एक प्रदर्शन की तैयारी की गई थी। इसी कड़ी में शमशेरगंज में डाकबंगला मोड़ से सुतिर सजुर मोड़ तक राष्ट्रीय राजमार्ग-12 के एक हिस्से को ब्लॉक तक कर दिया था। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस वैन पर पथराव कर दिया। इस घटना के बाद ही प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया।