भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को साल 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार चुनाव संहिता के उल्लंघन के आरोप में दोषी करार देते हुए उन्हें पहले एक साल की कैद की सज़ा सुनाई गई और फिर कुछ ही देर बाद उन्हें जमानत भी दे दी गई।
उत्तर प्रदेश के रामपुर में एडीशनल सिविल जज द्वारा सज़ा सुनाए जाने के बाद नकवी को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया था, लेकिन फिर कुछ ही देर बाद जमानत याचिका को मंजूर भी कर लिया गया, जिसके लिए उन्हें 15 हज़ार रुपए का मुचलका भरना पड़ा।
मुख्तार अब्बास नकवी के खिलाफ यह मामला रामपुर में ही धारा 188, 143, 342 व 343 के अलावा आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम की धारा 7 के तहत दर्ज किया गया था। सुनवाई के बाद उन्हें धारा 188 के तहत बरी कर दिया गया, लेकिन शेष धाराओं के तहत दोषी पाया गया।