केंद्र सरकार ने रबी सीजन 2026-27 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा कर दी है। सरकार ने इस बार गेहूं, चना, मसूर, सरसों और अन्य रबी फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाया है। घोषित आंकड़ों के मुताबिक, गेहूं पर किसानों को लागत से सबसे अधिक फायदा होगा।

गेहूं रबी सत्र की मुख्य फसल है, जिसकी बुवाई अक्टूबर के अंत से शुरू होती है और मार्च से कटाई होने लगती है। अन्य रबी फसलों में ज्वार, जौ, चना और मसूर शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रबी सत्र की फसलों के लिए एमएसपी का निर्धारण कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर किया गया है। गेहूं के विपणन सत्र 2026-27 की शुरुआत अप्रैल से होगी। हालांकि गेहूं की बड़ी मात्रा में खरीद जून तक पूरी हो जाती है।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, गेहूं की उत्पादन लागत 1,239 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि MSP 2,585 रुपये तय किया गया है। इस तरह किसानों को लागत से 109% ज्यादा दाम मिलेगा। जौ (Barley) पर लागत 1,361 रुपये और MSP 2,150 रुपये तय हुआ है, जिससे केवल 58 % का लाभ होगा।

चना (Gram) की लागत 3,699 रुपये और MSP 5,875 रुपये तय की गई है। मसूर (Lentil) की लागत 3,705 रुपये है और MSP 7,000 रुपये तय हुआ है, जिससे किसानों को 89 % लाभ का है।

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क्या है सरसों का MSP?

सरसों की लागत 3,210 रुपये है और MSP 6,200 रुपये रखा गया है। इस हिसाब से किसानों को लागत पर 93% मुनाफा होगा। वहीं कुसुम (Safflower) की लागत 4,360 रुपये और MSP 6,540 रुपये घोषित हुआ है, जिससे 50% का लाभ मिलेगा।

खेती-किसानी पर नजर रखने वालों का कहना है कि MSP में बढ़ोतरी से गेहूं और तिलहन की बुवाई को प्रोत्साहन मिलेगा जबकि जौ और कुसुम जैसी फसलों में लाभ का प्रतिशत कम होने से किसानों की रुचि घट सकती है। 

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