सोमवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया कि अब राज्य में महुआ से बनी दारू को वैध बनाने के लिए नई आबकारी नीति बनाई जा रही है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ये शराब दुकानों में विरासत शराब के नाम से बेची जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस ऐलान की सोशल मीडिया में जमकर खिल्ली उड़ाई जा रही है और तरह तरह की प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिल रही हैं।
मध्यप्रदेश के मंडला में आदिवासी जनजातीय गौरव सप्ताह के समापन के मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि एक नई आबकारी नीति आ रही है। महुए से अगर कोई भाई-बहन परंपरागत शराब बनाएगा तो वो अवैध नहीं होगी। हेरिटेज शराब के नाम से वो शराब की दुकानों पर भी बेची जाएगी। हम उसको भी आदिवासी की आमदनी का जरिया बनाएंगे। परंपरा के निर्वाह के लिए उसे बना सकता है। अगर कोई परंपरागत रूप से बनाता है तो बेचने का भी अधिकार उसको होगा और सरकार बकायदा वैधानिक मानकर ये अधिकार देगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा किए गए इस ऐलान का वीडियो समाचार एजेंसी एएनआई ने जारी किया। उनके इस बयान की सोशल मीडिया में जमकर खिल्ली उड़ी और सोशल मीडिया यूजर्स ने तरह तरह की प्रतिक्रिया दी। ट्विटर हैंडल @SumitSharma404 ने लिखा कि बहुत बढ़िया साहब, एक तरफ वो जुबान केसरी, इधर आपका महुआ, कहीं अफीम की खेती के फायदे..फिर कहते हो उड़ता भारत क्यों कहते हैं।
वहीं सुप्रीत सलूजा नाम के यूजर ने लिखा कि यह भी गाय के गोबर और गोमूत्र की तरह ही अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा। ट्विटर यूजर राम भरोसे ने लिखा कि फिर गुणवत्ता जांच कौन करेगा? इसके अलावा ट्विटर हैंडल @dipankar333 ने लिखा कि अगर गुणवत्ता और सुरक्षा जांच के साथ इसे चलाया जाए तो इसमें कोई समस्या नहीं होगी।
गौरतलब है कि पिछले दिनों मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा उपचुनाव के दौरान भी आदिवासी समुदाय को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि आदिवासी महुआ और ताड़ी के लिए जल्दी ही नई आबकारी नीति लाई जा रही है। इसके अनुसार परंपरागत शराब बनाने और बेचने पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं होगा।
