मदर टेरेसा को रविवार को पोप फ्रांसिस द्वारा वेटिकन सिटी के सेंट पीटर्स स्क्वायर में रोमन कैथोलिक चर्च का संत घोषित किया गया। संत घोषित होने के बाद मदर टेरेसा को ‘संत मदर टेरेसा ऑफ कलकत्ता’ के नाम से जाना जाएगा। भारत से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के नेतृत्व में एक 12 सदस्यीय डेलीगेशन तथा दिल्ली और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी की अध्यक्षता में एक दल वेटिकन सिटी में आयोजित समारोह में शामिल हो रहा है। मदर टेरेसा का निधन 5 सितंबर 1997 को हुआ था। 19 अक्टूबर 2003 को पोप जॉन पॉल II ने उन्हें धन्य घोषित किया था।
इसके साथ ही देश के विभिन्न चर्चों में लोग पहुंचने लगे हैं। बंगलुरू के Sacred Heart चर्च में स्पेशल प्रार्थना का आयोजन किया गया है। वहीं चेन्नई में मदर टेरेसा के एक स्टैच्यू का अनावरण किया गया। अल्बानिया में जन्मी अग्नेसे गोंकशे बोजशियु 1928 में नन बनने के बाद सिस्टर टेरेसा बन गई थीं। 24 मई, 1937 को उन्होंने गरीबी, शुद्धता और आज्ञाकारिता के जीवन को चुना और लॉरेटो नन की प्रथा के अनुसार, ”मदर” की उपाधि ली। भारत और कोलकाता में उन्हें मदर टेरेसा ही बुलाए जाने की उम्मीद है क्योंकि उनके साथ भारतीयों का गहन भावनात्मक जुड़ाव है।
संत चुने जाने की प्रक्रिया क्या है?
संत चुने जाने की प्रक्रिया को केननिज़ैषण कहते हैं। यह प्रक्रिया उम्मीदवार की मौत के 5-50 साल के भीतर शुरू की जा सकती है। 1999 में पोप जान पॉल द्वितीय ने सामान्य पांच वर्ष के इंतजार को खत्म करते हुए मदर टेरेसा के लिए केननिज़ैषण की इजाजत दे दी थी क्योंकि उन्हें ‘जीवित संत’ माना जाता था। एक बार प्रक्रिया शुरू होने के बाद, व्यक्ति को ”ईश्वर का सेवक” कहा जाता है। पहला चरण- अभ्यर्थना- में गवाही के लिए लोग इकट्ठा होते हैं, सार्वजनिक और निजी लेखन देते हैं, फिर उनकी जांच की जाती है। यह चरण लंबा होता है और इसमें सालों लग जाते हैं। इसका अंत धर्मप्रदेश ट्राइब्यूनल के फैसले से होता है, जिसमें बिशप उम्मीदवार के गुणों और ईश्वर के प्रति समर्पण पर फैसला करते हैं। अगर इजाजत मिलती है तो बिशप की रिपोर्ट रोम जाती है, जहां इसे इटैलियन में ट्रांसलेट किया जाता है, इसे अपोस्टोलिक प्रक्रिया कहते हैं। इसका सार संतों की मंडली के समक्ष रखा जाता है, जहां 9 धर्मशास्त्री सबूतों और कागजातों की जांच कते हैं। बहुमत से पास होने पर, रिपोर्ट पोप के पास जाती है, पोप के हामी भरने के बाद उम्मीदवार को आदरणीय कहा जाता है।
अगला कदम मोक्ष प्राप्ति है। किसी भी व्यक्ति को धन्य घोषित करने के लिए ‘चमत्कार’ की अनुमति जरूरी है, जो कि भगवान के आदरणीय सेवक की रक्षा करने वाली शक्तियों का सबूत होते हैं। यह एक संकेत होता है कि वह मृत्यु के बाद ईश्वर से जुड़ गए हैं। धर्मप्रदेश, जहां ये तथाकथित चमत्कार होने का दावा किया जाता है, एक वैज्ञानिक और धर्मशास्त्रों पर आधारित जांच करते हैं। विज्ञान आयोग को मंजूर की गई वैज्ञानिक योग्यताओं के आधार पर यह फैसला करना होता है कि कथित चमत्कार का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। धर्मशास्त्रियों का कमीशन यह तय करता है कि जो कुछ भी हुआ, वह असल में ‘चमत्कार’ था या ईश्वर के आदरणीय सेवक की रक्षा की वजह से ऐसा हुआ। अगर कमीशन सकरात्मक रिपोर्ट देता है, तो वह पोप के पास जाती हैं, अगर पोप हामी भरते हैं तो उम्मीदवार को मोक्ष प्राप्ति होती है। शहादत की स्थिति में, चमत्कार की आवश्यकता से छूट दी गई है।
केननिज़ैषण की प्रक्रिसा को आगे ले जाने के लिए, एक दूसरे चमत्कार की जरूरत होती है। इसमें वही प्रक्रिया अपनाई जाती है, जो मदर टेरेसा के मामले में अपनाई जाएगी। 2002 में, पोप ने एक बंगाली आदिवासी महिला, मोनिका बेसरा के ट्यूमर के ठीक होने को मदर टेरेसा का पहला चमत्कार माना। 2015 में ब्रेन ट्यूमर से ग्रस्त ब्राजीलियन पुरुष को दूसरा चमत्कार माना गया। डॉक्टर्स और तर्कशास्त्रियों ने इन कथित चमत्कारों को खारित कर दिया था और कई सवाल खड़े हुए थे।
Mother Teresa canonization LIVE Updates:
#MotherTeresa's canonisation: Visuals from St. Peter's Square in the Vatican City pic.twitter.com/6jmFoe8jdl
— ANI (@ANI) September 4, 2016
# सेंट पीटर्स स्क्वायर में बाकी प्रकियाएं पूरी की जा रही हैं।
#MotherTeresa's canonisation ceremony underway at St. Peter's Square in the Vatican City pic.twitter.com/q8240osirr
— ANI (@ANI) September 4, 2016
# पोप फ्रांसिस ने मदर टेरेसा को संत की उपाधि प्रदान की।
Vatican: Pope Francis proclaims Mother Teresa as Saint pic.twitter.com/VI17MV7qzc
— ANI (@ANI) September 4, 2016
#MotherTeresa's canonisation ceremony underway at St. Peter's Square in the Vatican City pic.twitter.com/YeKRPu9fVx
— ANI (@ANI) September 4, 2016
# पोप फ्रांसिस मदर टेरेसा के केननिज़ैषण कार्यक्रम की अगुवाई कर रहे हैं।
Pope Francis leads #MotherTeresa's canonisation mass at St. Peter's Square in the Vatican City pic.twitter.com/YKuZbyWcBI
— ANI (@ANI) September 4, 2016
#MotherTeresa's canonisation: Visuals from St. Peter's Square in the Vatican City. pic.twitter.com/ZLLUg0bsu7
— ANI (@ANI) September 4, 2016
#MotherTeresa's canonisation ceremony underway at St. Peter's Square in the Vatican City pic.twitter.com/HEjZ0Vvlei
— ANI (@ANI) September 4, 2016
Thousands gather at St. Peter's Square in the Vatican City to witness the canonisation ceremony of #MotherTeresa pic.twitter.com/44Hzq0DB4L
— ANI (@ANI) September 4, 2016
#MotherTeresa's canonisation: Visuals from St. Peter's Square in the Vatican City pic.twitter.com/4ihSFVVUCB
— ANI (@ANI) September 4, 2016
Visuals from St. Peter's Square in Vatican city where #MotherTeresa's canonization ceremony will begin, shortly pic.twitter.com/rwEGKonUSq
— ANI (@ANI) September 4, 2016
Let us imitate Mother Teresa who made works of mercy the guide of her life and the path towards holiness.
— Pope Francis (@Pontifex) September 3, 2016
Thanking PM Modi For Kind Words On Mother… by indianexpress
#MotherTeresa's canonisation: Special prayers being offered at Sacred Heart Church, Bengaluru. pic.twitter.com/61uSQQtm52
— ANI (@ANI) September 4, 2016
#MotherTeresa 's canonisation : A statue of Mother Teresa unveiled at Seashore St. Anthony's Shrine in Chennai pic.twitter.com/MeCeVyeLGa
— ANI (@ANI) September 4, 2016