ससुराल पक्ष से व्यापार करने के लिए पैसों की मांग करना दहेज के तहत नहीं आता है। मद्रास हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है। मद्रास हाईकोर्ट की मदुरई बैंच के जस्टिस टीएस सेल्वम ने कहा कि व्यक्ति द्वारा अगर पत्नी या ससुराल के पक्ष के लोगों से व्यापार में निवेश के लिए पैसे मांगता है तो उसे दहेज मांगना नहीं कहा जा सकता। साथ ही इस मामले में दहेज रोधी एक्ट 1961 की धारा 4 के तहत मामला नहीं चलाया जा सकता।
उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता को यह साबित करना होगा कि पैसा केवल दहेज के लिए मांगा गया था। जज ने याचिकाकर्ता की दलील को स्वीकार किया जिसमें कहा गया कि उसने व्यापार के लिए पैसों की मांग की थी न कि दहेज के लिए। जज ने कहा कि व्यापार करने के लिए पैसों की मांग का मामला आईपीसी की धारा 498A के तहत आता है। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता पर इसी धारा के तहत मामला दर्ज हो।
जज ने इस मामले में शिकायतकर्ता के ससुर को बरी करते हुए कहा कि वे इस केस से जुड़े हुए नहीं हैं। उन्होंने तिरुचिरापल्ली के मजिस्ट्रेट को महिला के पति, सास और दो ननदों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया।