मध्य प्रदेश में सरकार बनाते ही मुख्यमंत्री मोहन यादव एक्शन मोड में आ चुके हैं। उनकी तरफ से पहली बार बुलडोजर कार्रवाई का आदेश दिया गया। असल में चुनावी नतीजों के बाद पांच दिसंबर को बीजेपी कार्यकर्ता की एक आरोपी ने हथेली काट दी थी। अब उसी आरोपी के घर पर बुलडोजर चलवा दिया गया है। इससे पहले धार्मिक स्थलों पर बज रहे स्पीकरों की आवाज कंट्रोल रखने के लिए भी एक आदेश जारी किया गया था।

किसके घर चला बुलडोजर?

बताया जा रहा है कि पांच दिसंबर को फारूख नाम के शख्स ने बीजेपी कार्यकर्ता देवेंद्र ठाकुर पर हमला कर दिया था। उसकी हथेली तक काट दी गई थी, गंभीर हालत में उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया। तब कैलाश विजयवर्गी भी उससे मिलने गए थे। अब मोहन सरकार ने एक्शन में आते हुए आरोपी फारूक के घर पर बुलडोजर चलवा दिया है। इससे पहले शिवराज सरकार के दौरान भी आरोपियों के घर पर बुलडोजर चल रहे थे।

जानकारी के लिए बता दें कि मध्य प्रदेश में बीजेपी ने इस बार बड़ा दांव चलते हुए तीन बार के विधायक मोहन यादव को अपना सीएम बनाया। वे 2013 से उज्जैन दक्षिण के विधायक हैं और उज्जैन-महाकाल इलाके में काफी सक्रिय रहते हैं। उनकी संघ से नजदीकी भी चर्चा का विषय रही है और उनकी हिंदुत्व विचारधारा ने भी उन्हें सीएम बनाने में बड़ी भागीदारी निभाई है।

एमपी में बीजेपी को मिला प्रचंड बहुमत

यहां ये समझना जरूरी है कि मोहन यादव भी शिवराज की तरह एक ओबीसी चेहरा हैं। बीजेपी ने उन्हें मौका देकर साफ कर दिया है कि इस बार एमपी में भी नई लीडरशिप को निखरने का मौका दिया जाएगा। 18 साल तक शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में एमपी का विस्तार करने के बाद अब मोहन यादव के जरिए पार्टी नया अध्याय लिखना चाहत है। इस बार के नतीजों की बात करें तो एमपी में बीजेपी ने प्रचंड जीत दर्ज करते हुए 163 सीटें अपने नाम कीं। कई इलाकों में तो पार्टी का क्लीन स्वीप रहा।