उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में करीब 300 एकड़ में फैली अली जौहर यूनिवर्सिटी विवादों के घेरे में है। यूनिवर्सिटी के चांसलर और सपा से लोकसभा सांसद आजम खान पर इसके विस्तार के लिए जमीन हड़पने का आरोप लगा है। इन्हीं आरोपों के चलते सपा के दिग्गज नेता के खिलाफ 13 से 20 जुलाई के बीच 27 एफआईआर दर्ज की गईं।

इनमें से एक एफआईआर जिला प्रशासन ने नदी की पांच हेक्टेयर जमीन कथित तौर पर हड़पने के मामले में दर्ज की है। हालांकि आजम खान ने इन आरोपों से साफ इनकार करते हुए कहा कि किसान पहले ही जमीन का भुगतान ले चुके हैं और अब कर रहे है कि जमीन उनकी है।  जिला मजिस्ट्रेट एके सिंह ने कहना है कि सपा नेता ने किसानों की जबरन 12 हेक्टेयर जमीन और कोसी नदी के समीप पांच हेक्टेयर सार्वजनिक जमीन हासिल कर ली।

सिंह ने संडे एक्सप्रेस से कहा कि ‘उन्होंने कोसी नदी तक लोगों की पहुंच को नकारते हुए एक दीवार बनवाई है, जिसके लिए प्रशासन की अनुमति नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘उन्होंने (आजम खान) एक पीडब्ल्यूडी गेस्टहाउस पर भी कब्जा कर लिया है, जो अब विश्वविद्यालय के परिसर में आ गया है। जब मैं रामपुर का डीएम बना तब फरवरी 2019 के बाद से मुझे उनके खिलाफ कई शिकायतें मिली हैं। हमने उनके खिलाफ कुछ शिकायतों की जांच की और केस दर्ज किया।’

डीएम ने आगे बताया कि सपा नेता के खिलाफ तीन शिकायतें साल 2003 से 2007 और 2012 से 2017 के बीच कथित तौर पर राज्य प्रशासन और पुलिस मशीनरी का गलत से इस्तेमाल से जुड़ी हैं। इन दो चरणों में प्रदेश की सत्ता पर सपा काबिज थी।

आजम खान के खिलाफ कुल शिकायतों में 25 एफआईआर स्थानीय किसानों ने दर्ज कराई हैं। किसानों ने आरोप लगाया कि सपा नेता और पूर्व सर्किल ऑफिसर (सिटी) अली हसन ने 2004 में जबरन उनसे जमीनें छीन लीं और इसे यूनिवर्सिटी कैंपस का हिस्सा बना दिया। हसन वर्तमान में यूनिवर्सिटी के मुख्य सुरक्षा अधिकारी हैं।

किसानों द्वारा दर्ज कराई गईं एफआईआर में से 13 में हसन, अजीम नगर पुलिस स्टेशन के पूर्व इंचार्ज कुशलवीर सिंह, आजम खान के नाम हैं। अन्य 12 एफआईआर में आजम खान और अली हसन के नाम हैं।

आरोपियों के खिलाफ एफआईआर आईपीसी की धारा 506, 504, 384, 447, 342 और 323 के तहत दर्ज की गई है।

शिकायतकर्ताओं में से एक यासीन की पत्नी हमसीन भी शामिल हैं जिन्होंने सपा सरकार के दौरान मंत्री रहे आजम खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। घर के आंगन में बैठी हमसीन ने बताया, ‘हमारी आय का एकमात्र स्त्रोत जमीन ही थी। अब जमीन जाने के बाद हम सिर्फ पशुओं पर जिंदा हैं। हमारी बेटियां परिवार की आर्थिक मदद के लिए पतंग बनाती हैं।’

यासीन ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया कि उन्हें करीब दो घंटे थाने में कैद करके रखा गया। इस दौरान यासीन को धमकी दी गई कि अगर उसने जमीन नहीं दी तो उसे नशीले पदार्थों की तस्करी और चोरी के झूठे मामलों में फंसाया जाएगा।

वर्तमान में दूसरों के खेतों में काम कर रहे नजाकत (47) ने कहा, ‘मैं आज पूरी तरह से दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर हूं।’ पांच बच्चों के पिता नजाकत आगे कहते हैं उनकी और उनके चार भाईयों के मालिकाना हक वाली ढाई बीघा जमीन यूनिवर्सिटी द्वारा हड़प ली गई।

वहीं आजम खान ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए संडे एक्सप्रेस से कहा, ‘यह जमीन करीब 3.75 बीघा है। यूनिवर्सिटी ने सभी 350 एकड़ जमीन खरीदी है। मैंने जमीन नहीं ली है… यह जौहर ट्रस्ट के पास है। एक ट्रस्ट जो 350 एकड़ जमीन खरीदता है वह 3.75 बीघा जमीन के लिए धोखा नहीं देगा।’ खान ने दावा किया कि उनके खिलाफ इस तरह के आरोप उनके लोकसभा चुनाव जीतने के बाद से लगाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘इन किसानों ने पहले भी शिकायतें दर्ज कराई थीं। मगर ये अदालत में टिक नहीं सके। बाद में उन्होंने शिकायत के लिए माफी मांगते हुए एक हलफनामा दाखिल किया था।’