केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति की विवादास्पद टिप्पणियों के लिए उनके इस्तीफे से इंकार करते हुए सरकार ने आज संसद की कार्यवाही बाधित करने के लिए विपक्ष को आड़े हाथों लिया और उस पर तानाशाहीपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया। संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने आज संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा ‘‘सवाल ही नहीं उठता। मंत्री के इस्तीफे का सवाल ही नहीं है।’’
नायडू ने कहा ‘‘कांग्रेस को याद करना चाहिए कि बेनी प्रसाद वर्मा के मामले में उसने क्या किया। पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ उन्होंने कैसी भाषा का उपयोग किया था।’’
संसदीय कार्य मंत्री पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के कार्यकाल की उस घटना का संदर्भ दे रहे थे जब वर्मा ने सपा नेता मुलायम सिंह यादव और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणियां की थीं। वर्मा ने माफी मांगने से इंकार कर दिया था जिसकी वजह से तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सदन में माफी मांगनी पड़ी थी।
नायडू ने कहा ‘‘संप्रग सरकार में मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने मुलायम सिंह यादव, अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ विभिन्न लोगों के खिलाफ गैरजिम्मेदाराना, अप्रिय और बेहद आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं।’’
संसदीय कार्य मंत्री नायडू ने कहा कि इस वरिष्ठ नेता ने अपनी टिप्पणियों के लिए माफी नहीं मांगी थी। नायडू ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद ने भी महिलाओं को लेकर विवादास्पद बयान दिया था।
विपक्ष के नारे ‘‘तानाशाही नहीं चलेगी’’ पर अपनी प्रतिक्रिया में नायडू ने कहा कि यह विपक्षी सांसद हैं जो सदन पर अपनी मनमर्जी थोपने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा ‘‘वह कहते हैं कि तानाशाही नहीं चलने दी जाएगी। मैं भी कहता हूं कि तानाशाही चलने नहीं दी जाएगी, वे सदन में व्यवधान डाल रहे हैं।’’
नायडू ने कहा कि केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के इस्तीफे की विपक्ष की मांग बेमतलब है। भाजपा नेता ने कहा ‘‘अगर कोई सदस्य कुछ आपत्तिजनक बात कहता है और फिर उस पर खेद जताता है और माफी मांगता है तो वह मुद्दा खत्म हो जाता है। यह संसद की परंपरा है।’’
नायडू ने कहा कि निरंजन ज्योदी पहली बार सांसद बनी हैं। वह बेहद सामान्य पृष्ठभूमि वाली सीधी सादी महिला हैं। ‘‘उन्होंने कुछ कहा, जो भी कहा वह आपत्ति जनक था। विपक्ष कहता है कि उनका बयान आपराधिक है, बेनी प्रसाद वर्मा ने जो कहा था उसमें आपराधिक कार्रवाई की जरूरत थी।’’