Economic Survey 2019-20 India, Parliament Budget Session 2019 Today LIVE Updates: नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट शुक्रवार (5 जुलाई) को लोकसभा में पेश किया जाएगा। लेकिन, उससे पहले संसद में आर्थिक सर्वे पेश किया गया। आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2019-2010 में GDP (सकल घरेूल उत्पाद) की दर 7 फीसदी रहने का अनुमान है। निवेश और खपत में इजाफे से जीडीपी में बढ़ोतरी देखी जाएगी। वित्त वर्ष 2019-2019 में सर्विस एक्सपोर्ट 14.38 लाख करोड़ रुपये रहा है। सर्विस एक्सपोर्ट 2 फीसदी से बढ़कर 3.5 फीसदी रहा। गुरुवार को मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम द्वारा तैयार आर्थिक सर्वे को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया।
वित्त वर्ष 2019 के दौरान सामान्य घाटा 5.8% परबने का अनुमान है, जबकि 2018 में यह 6.4 फीसदी था। सर्वे में बताया गया है कि कृषि क्षेत्र में स्लो ग्रोथ पर दबाव, खाद्य उत्पाद कीमतें गिरने से प्रोडक्शन में कमी रहेगी। हालांकि, विदेश मुद्रा का पर्याप्त भंडार कायम रहेगा।
आर्थिक समीक्षा सदन में पेश करने से पहले ट्वीट करते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम ने कहा, “मेरी और नई सरकार की पहली आर्थिक समीक्षा को संसद में पेश कर ने को लेकर उत्साहित हूं। साल 2018-19 की आर्थिक समीक्षा ऐसे वक्त में पेश की जा रही है जब अर्थव्यवस्था निर्माण और कृषि क्षेत्र की चुनौती से जूझ रही है। पिछले वित्त वर्ष में जनवरी-मार्च तिमाही की आर्थिक वृद्धि 5 साल के सबसे न्यूनतम स्तर 5.8 प्रतिशत पर आ गई।”
2017-2018 के बीच बाजार में रुपये की दर 65-68 प्रति डॉलर थी। लेकिन, 2018-19 में रुपया डॉलर के मुकाबले 70-74 तक पहुंच गया। रुपये में गिरावट की वजह मुख्य रूप से कच्चे तेल की कीमतों में उछाल रही।
आर्थिक सर्वे में जलवायु परिवर्तन पर भी चिंता जाहिर की गई। इस दौरान सरकार की कोशिशों के बारे में चर्चा की गई। बताया गया कि 2020 तक 20-25% तक कार्बन उत्सर्जन कम करने की भारत की घोषणा को देखते हुए, 2014 में 290 करोड़ की लातसे क्लाइमेट चेंज एक्शन प्रोग्राम लॉन्च किया गया था।
सर्वेक्षण में देश के भीतर एक न्यूनतम मजदूरी तय करने की भी बात कही गई है। निचले स्तर पर बेहतर न्यूनतम मजदूरी तय करने को कहा गया है।
आर्थिक सर्वे में देश में जल संकट के प्रति भी आगाह किया गया है। 2050 तक देश में पानी की किल्लत काफी बढ़ जाने की भविष्यवाणी की गई है। सिंचाई जल पर तुरंत विचार करने को कहा गया है।
आर्थिक सर्वे के मुताबिक डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 13.4% का इजाफा दर्ज किया गया है। जबकि कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन भी पहले से बेहतर हुआ है। वहीं, इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन अनुमानित बजट से 16 फीसदी कम है। इसका कारण जीएसटी रेवेन्यू में कमी है।
वित्त वर्ष 2019-2020 में डिमांड बढ़ने से निवेश की दर बढ़ेगी। इसके साथ ही सर्वे में एनपीए में गिरावट आने का अनुमान लगाया गया है।
वित्त वर्ष 2019 के दौरान सामान्य घाटा 5.8% परबने का अनुमान है, जबकि 2018 में यह 6.4 फीसदी था। सर्वे में बताया गया है कि कृषि क्षेत्र में स्लो ग्रोथ पर दबाव, खाद्य उत्पाद कीमतें गिरने से प्रोडक्शन में कमी रहेगी। हालांकि, विदेश मुद्रा का पर्याप्त भंडार कायम रहेगा।
भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए 8 फीसदी का ग्रोथ लगातार चाहिए। आर्थिक सर्वे के मुताबिक 8 फीसदी के ग्रोथ रेट की बदौलत 2025 में भारत यह लक्ष्य हासिल कर सकता है।
आर्थिक सर्वे के मुताबिक साल 2019-20 के दौरान तेल की कीमतों में गिरावट देखी जा सकती है।
बजट से पहले संसद में आर्थिक सर्वे पेश कर दिया गया है। मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम ने सर्वे प्रस्तुत किया। इसके मुताबिक वित्त वर्ष 2019-2020 में देश की जीडीपी की ग्रोथ 7 फीसदी रहने का अनुमान है।
गुरुवार को संसद में आर्थिक सर्वे पेश किया गया। आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2019-2010 में GDP (सकल घरेूल उत्पाद) की दर 7 फीसदी रहने का अनुमान है। निवेश और खपत में इजाफे से जीडीपी में बढ़ोतरी देखी जाएगी। वित्त वर्ष 2019-2019 में सर्विस एक्सपोर्ट 14.38 लाख करोड़ रुपये रहा है। सर्विस एक्सपोर्ट 2 फीसदी से बढ़कर 3.5 फीसदी रहा। गुरुवार को मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम संसद में आर्थिक सर्वे को प्रस्तुत किया।
गुरुवार को संसद में आर्थिक सर्वे पेश किया गया। आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2019-2010 में GDP (सकल घरेूल उत्पाद) की दर 7 फीसदी रहने का अनुमान है। निवेश और खपत में इजाफे से जीडीपी में बढ़ोतरी देखी जाएगी। वित्त वर्ष 2019-2019 में सर्विस एक्सपोर्ट 14.38 लाख करोड़ रुपये रहा है। सर्विस एक्सपोर्ट 2 फीसदी से बढ़कर 3.5 फीसदी रहा। गुरुवार को मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम संसद में आर्थिक सर्वे को प्रस्तुत किया।
आर्थिक समीक्षा सदन में पेश करने से पहले ट्वीट करते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम ने कहा, "मेरी और नई सरकार की पहली आर्थिक समीक्षा को संसद में पेश कर ने को लेकर उत्साहित हूं। साल 2018-19 की आर्थिक समीक्षा ऐसे वक्त में पेश की जा रही है जब अर्थव्यवस्था निर्माण और कृषि क्षेत्र की चुनौती से जूझ रही है। पिछले वित्त वर्ष में जनवरी-मार्च तिमाही की आर्थिक वृद्धि 5 साल के सबसे न्यूनतम स्तर 5.8 प्रतिशत पर आ गई।"
देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम ने आर्थिक सर्वे को तैयार किया है। इसके बाद शुक्रवार को बजट पेश किया जाएगा। माना जा रहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट में महिलाओं को विशेष उपहार दे सकती हैं।
संसद भवन में आर्थिक सर्वे की प्रतियां पहुंच चुकी हैं। मोदी सरकार अपने पिटारे में जनता के लिए क्या रखे हुए है। इसका खुलासा होने में अभी थोड़ा वक्त लगेगा।