प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने भ्रष्टाचार और लाल फीताशाही पर अंकुश लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों को एक सर्कुलर जारी कर सभी सरकारी कर्मचारियों के कामकाज की आवधिक रिपोर्ट सौंपने को कहा है।

सभी मंत्रालयों को हर महीने की 15 तारीख को कर्मचारियों की आवधिक रिपोर्ट के कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय को सौंपना होगा। मंत्रालय की तरफ से यह कदम भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद 15 टैक्स अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट देने के कुछ दिन बाद आया है।

सरकार के इस कदम को अधिकारियों के भ्रष्टाचार पर अंकुश और बेहतर प्रदर्शन नहीं करने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। टाइम्स नाउ की खबर के अनुसार मंत्रालय ने सभी केंद्र सरकार के कर्मचारियों के कामकाज की आवधिक समीक्षा रिपोर्ट हर महीने की 15 तारीख को सब्मिट करने को कहा है।

मंत्रालय ने सभी विभागों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कर्मचारियों के कामकाज की समीक्षा ‘पूरे नियम के अनुसार’ ही हो। इसके अतिरिक्त यह सुनिश्चित हो कि किसी कर्मचारी के जबरन सेवानिवृत्ति के मामले में कोई मनमानी न होने पाए। मालूम हो कि केंद्र सरकार ने सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद विभाग के 15 अधिकारियों को पहले ही रिटायर कर चुकी है।

वहीं इस महीने की शुरुआत में इंडियन रेवेन्यू सर्विस के 12 अधिकारियों को भी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। जिन अधिकारियों को बर्खास्त किया गया है सरकार उन लोगों को तीन महीने के वेतन और भत्तों का भुगतान किया जाएगा। वर्तमान में सरकार की तरफ से सेवानिवृत्ति की उम्र 60 वर्ष है।

इससे पहले राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने भी संसद के केंद्रीय कक्ष में अपने अभिभाषण में यह साफ कर दिया था कि सरकार की तरफ से सार्वजनिक जीवन और सरकारी सेवाओं में भ्रष्टाचार को दूर करने का चलाया जाएगा।