घरों में चाय बनाने के लिए जिस दूध का इस्तेमाल होता है, वह नकली है। घर में, पार्टी-शादी समारोहों में जिस पनीर को आप खा रहे हैं, वह नकली है। जब आपको यह पता चलेगा कि केमिकल का इस्तेमाल करके यह दूध और पनीर बनाया जा रहा है तो यह तय है कि आप बहुत ज्यादा डर जाएंगे लेकिन हैरानी की बात है कि धड़ल्ले से यह नकली दूध और पनीर पिछले कई सालों से दिल्ली-नोएडा में सप्लाई किया जा रहा था।
बुलंदशहर में एक व्यापारी के गोदाम से फूड सेफ्टी विभाग की छापेमारी से यह जानकारी सामने आई है। इसके बाद ऐसा लगता है कि आम लोगों की जिंदगी की परवाह किसी को नहीं है और लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया गया है।
अब आपको समझाते हैं कि यह पूरा मामला क्या है। फूड सेफ्टी विभाग ने 4 दिसंबर को बुलंदशहर के खुर्जा के एक गांव अगोरा अमीरपुर में चल रही एक फैक्ट्री पर छापेमारी की। छापेमारी में नकली पनीर और केमिकल मिला। सरकारी अधिकारियों ने जब फैक्ट्री के मालिक नफीज अहमद से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि यह केमिकल बुलंदशहर की एक दुकान से खरीद कर लाया जाता था।
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21,700 किलो केमिकल बरामद
इसके बाद फूड सेफ्टी विभाग ने बुलंदशहर में ही अग्रवाल ट्रेडर्स पर छापेमारी की। दुकान के मालिक अजय अग्रवाल के चार गोदाम हैं। इन गोदामों में छापेमारी की गई तो 21,700 किलो केमिकल बरामद हुआ। यह केमिकल 7 तरह का था। यह पता चला है कि अजय अग्रवाल 20 साल से यह धंधा कर रहा है। खाने के पदार्थ में मिलावट की वजह से वह जेल भी जा चुका है।
आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि 1 लीटर केमिकल से 500 लीटर नकली दूध तैयार किया जा सकता है। ऐसा करने वाले लोग इस कदर शातिर हैं कि और उन्होंने ऐसे फार्मूले से इस नकली दूध को बनाया जिससे दूध में फैट कम हो जाए और फैक्ट्री की पकड़ में भी यह ना आ पाए।
अजय अग्रवाल ने कई तरह के केमिकल को मिलाकर एक फार्मूला तैयार किया था और उससे यह नकली दूध और नकली पनीर तैयार किया जाता था। लंबे वक्त से यह नकली दूध और पनीर शहरों और गांव-देहात में सप्लाई किया जा रहा था। अजय अग्रवाल ने इस फार्मूले को कई लोगों को बताया भी था। नकली दूध में मिठास लाने के लिए 2 साल पहले एक्सपायर हो चुके सिंथेटिक सिरप को यूज किया जाता था।
जिन सात तरह के केमिकल का इस्तेमाल नकली दूध और पनीर बनाने के लिए किया जाता था, उनके नाम स्किल्ड मिल्क, कास्टिक पोटाश, व्हे पाउडर, सॉर्विटोल, सोया रिफाइंड, सिंथेटिक सिरप और मिल्क परमिएट पाउडर हैं।
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अब आप सोचिए कि यह हमारी जिंदगी और सेहत के साथ कितना बड़ा खिलवाड़ है।
कैंसर होने का खतरा, लिवर और किडनी पर असर
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, इस तरह के नकली दूध और पनीर को खाने से पेट दर्द, उल्टी और डायरिया जैसी दिक्कतों के अलावा लिवर और किडनी पर भी इसका गंभीर असर हो सकता है। इसके साथ ही यह कैंसर जैसी बीमारियों को भी दावत है।
दूध और पनीर हर घर में इस्तेमाल होने वाले प्रोडक्ट हैं। ऐसे में जब लोगों के घरों में नकली दूध और पनीर पहुंच रहा है तो आम लोगों को इस बारे में अलर्ट रहने की बहुत जरूरत है। उन्हें किसी सर्टिफाइड डेयरी से ही दूध और पनीर लेना चाहिए और इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यह प्रोडक्ट फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) से सर्टिफाइड हो।
कैसे करें असली और नकली पनीर की पहचान?
इस मामले में सरकारों को भी सख्त कदम उठाना चाहिए। अगर सरकार ने पहले ही छापेमारी की होती तो अग्रवाल ट्रेडर्स इतने लंबे वक्त से लोगों की जान के साथ खिलवाड़ नहीं कर रहा होता। इसके लिए अधिकारियों को नियमित तौर पर जांच और छापेमारी करनी चाहिए और इस तरह के नकली प्रोडक्ट बनाने वालों को खिलाफ ऐसी कार्रवाई करनी चाहिए कि आगे से कोई भी शख्स ऐसा करने के बारे में सोच भी ना सके।