माइक्रोसॉफ्ट ग्लोबल आउटरेज के कारण शुक्रवार को पूरी दुनिया में हडकंप मच गया था। इसके कारण शुक्रवार को सुबह 5 बजे से रात 8 बजे तक करीब 15 घंटों तक माइक्रोसॉफ्ट के ऑपरेटिंग सिस्‍टम पर चलने वाले 95 प्रतिशत कंप्‍यूटर ठप हो गए। माइक्रोसॉफ्ट ग्लोबल आउटरेज के कारण अरबों डॉलर का नुकसान हुआ। भारत भी अछूता नहीं रहा और कई फ्लाइट कैंसिल करनी पड़ी। इसका असर शेयर बजार, हॉस्पिटल, टीवी चैनल, कॉल सेंटर और तमाम आईटी सेवाओं पर पड़ा।

सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ एविएशन सेक्टर

माइक्रोसॉफ्ट ग्लोबल आउटरेज के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित एविएशन सेक्टर हुआ। भारत में भी सैकड़ो की संख्या में फ्लाइट्स को कैंसिल करना पड़ा। फ्लाइट कैंसिल होने के बाद एयरपोर्ट पर भीड़ जमा हो गई और यात्रियों के बीच हडकंप भी मच गया। शनिवार को एविएशन मिनिस्ट्री की ओर से बयान जारी किया गया। मिनिस्ट्री ने कहा कि शनिवार सुबह 3 बजे से सभी एयरपोर्ट पर एयरलाइन सिस्टम काम करने लगे हैं और फ्लाइट्स सही तरीके से चल रही हैं।

यात्रियों के रिफंड पर किया जा रहा काम

मंत्रालय के अनुसार अगर कहीं कुछ दिक्कतें आ रही है तो उसे ठीक किया जा रहा है। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर महोल ने कहा कि आउटरेज के कारण उड़ान संचालन में समस्याएं थी। अब माइक्रोसॉफ्ट ने समस्या का समाधान कर दिया है और फ्लाइट्स फिर से शुरू हो गई है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि जिनकी फ्लाइट्स कैंसिल हुई है, उनके रिफंड पर फोकस किया जा रहा है और जल्द ही रिफंड जारी कर दिए जाएंगे।

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मंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने इंश्योरेंस ले रखा है, उनको इसका लाभ मिलेगा और मंत्रालय इस पर अपडेट जारी करेगा। अब चेक इन करने में भी कोई समस्या नहीं आ रही है। हालांकि एयरपोर्ट पर भीड़ है लेकिन फ्लाइट्स नॉर्मल तरीके से चल रही है।

डिजी यात्रा सिस्टम में थोड़ी खराबी

बता दें कि बायोमेट्रिक आधारित बोर्डिंग सिस्टम डिजी यात्रा सिस्टम शनिवार सुबह भी नहीं काम नहीं कर रहा था। इसके कारण यात्रियों को मैन्युअल रूप से चेक इन करने में परेशानी होने के कारण डिपार्चर टर्मिनलों पर लंबी कतारें देखी गईं।