केन्द्र सरकार ने भारत में पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध के मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ‘वर्तमान हालातों को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तानी कलाकारों पर कोई प्रतिबंध नहीं है।’ स्वरूप ने पाकिस्तान द्वारा भारतीय टीवी चैनलों पर बैन लगाए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, ”यह दुर्भाग्यूपर्ण है और मुझे लगता है कि यह आत्मविश्वास की कमी को प्रदर्शित करता है।” विकास स्वरूप ने गोवा में बीते दिनों हुई ब्रिक्स देशों की बैठक को पूरी तरह सफल बताया। उन्होंने कहा कि ”गाेवा घोषणा में आतंकवाद के खिलाफ सबसे कड़ी भाषा का प्रयोग किया गया है। हम सभी जानते हैं कि आतंकवाद का केन्द्र कौन सा देश है। इसी समय पर हम आतंकवाद को लेकर चीन से बातचीत कर रहे हैं।” स्वरूप ने सार्क देशों की बैठक पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ”सार्क में हमारा हित बरकरार है मगर हमारी चिंता ये है कि कनेक्टिविटी, व्यापारिक सहयोग और आतंक-मुक्त माहौल होना चाहिए, जो कि नहीं है।” सार्क से पाकिस्तान को बाहर करने के सवाल पर उन्होंने कहा- ”हमारा इरादा नहाने के पानी के साथ बच्चे को फेंकने का नहीं है, हम उसे साफ करना चाहते हैं।”
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इससे पहले भारत ने संयुक्त राष्ट्र में आतंकी संगठनों तक रासायनिक हथियारों की पहुंच पर चिंता जताई थी। जिनेवा में नि:शस्त्रीकरण सम्मेलन में स्थायी प्रतिनिधि राजदूत डी बी वेकेंटेश वर्मा ने बुधवार (19 अक्टूबर) को कहा, ‘हमारा तर्कसंगत रुख रहा है कि किसी भी परिस्थिति में किसी के भी द्वारा कभी भी कहीं भी रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल उचित नहीं ठहराया जा सकता और ऐसे वीभत्स कृत्य करने वालों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।’
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उन्होंने कहा कि भारत आतंकवादी संगठनों के रासायनिक हथियार हासिल करने और उनके हाथों में उनकी निर्गत प्रणाली होने तथा सीरिया एवं इराक में आतंकवादियों द्वारा रासायनिक हथियारों एवं जहरीले रसायनों निरंतर उपयोग की रिपोर्ट को लेकर बहुत चिंतिंत है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 71 वें सत्र की पहली समिति सत्र में कहा, ‘हम मानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को रासायनिक हथियारों के किसी भी भावी इस्तेमाल की संभावना को रोकने के लिए त्वरित उपाय एवं निर्णायक कदम उठाना चाहिए।’

